नयी दिल्ली, लोकसभा में सदस्यों ने शुक्रवार को कहा कि देश में किसी भी सरकार की मनमानी, डर का माहौल पैदा करना और संवैधानिक अधिकारों की अनदेखी करना संविधान के अनुरूप नहीं है,इसलिए लोकतंत्र की मजबूती के लिए सभी वर्गों के हितों को साधना हर सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है और सबको इसका पालन करना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस कल्याण बनर्जी ने ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा’ में हिस्सा लेते हुए कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। श्री बनर्जी ने कहा कि देश के नागरिकों के मौलिक अधिकार महत्वपूर्ण हैं और यदि केंद्र सरकार समय पर अपने अधिकारों का इस्तेमाल नहीं करती है तो कानून व्यवस्था की चुनौती खड़ी हो जाती है और मणिपुर में यही हो रहा है। वहां मूल अधिकारों का हनन किया जा रहा है। सवाल है कि डेढ़ साल से मणिपुर के लोगों के अधिकारों को क्यों कुचलने दिया जा रहा है और देश के प्रधानमंत्री मणिपुर जाकर वहां के लोगों की समस्या का समाधान क्यों नहीं करते हैं। जब मूल अधिकारों की बात आती है तो देश के प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के संभल के मामले में चुप क्यों हो जाते हैं।
उन्होंने सरकार पर घृणा की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि लोगों की इच्छाएं पूरी होनी चाहिए तथा उनकी भावनाओं के अनुकूल काम किया जाना चाहिए। लोगों को निशुल्क शिक्षा मिलनी चाहिए, चिकित्सा शिक्षा मिलनी चाहिए, पोषण मिलना चाहिए और यह लोगों का संवेधानिक अधिकार है लेकिन केंद्र सरकार इसमें सफल नहीं हो रही है। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हुए राज्यपाल के अधिकारों का हवाला दिया और कहा कि गैर भाजपा सरकार वाले राज्यों में इन अधिकारों का पालन नहीं किया जा रहा है।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम(द्रमुक) के टी आर बालू ने कहा कि धर्मनिरपेक्षतावाद को महत्व दिया जाना चाहिए और सभी वर्ग के लोगों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होंने कहा,“ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने समाजवाद तथा धर्मनिरपेक्षतावाद को संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा था और उनकी रक्षा हमारी सरकारों की जिम्मेदारी होनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि देश में पीट-पीटकर मारने और धर्मस्थलों को नुकसान पहुंचाए जाने की घटनाएं हो रही हैं जो नहीं होनी चाहिए थी।
तेलुगु देशम पार्टी(तेदेपा) की बायरेड्डी शबरी ने आंध्र प्रदेश का नाम लिए बिना पिछले पांच साल में वहां की सरकार पर लोगों के अधिकारों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया और कहा कि देश की हर सरकार को संविधान के अनुकूल काम करते हुए और सबको समान अधिकार देते हुए जनता के हितों के लिए काम करना चाहिए।