खाद की कालाबाजारी रोकने के लिये समुचित निर्देश जारी करे राज्य सरकार: हाईकोर्ट

लखनऊ, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने प्रदेश में यूरिया, डीएपी खाद( उर्वरक) की कथित कालाबाजारी रोकने व इसे निर्धारित दर पर किसानों को मुहैया कराने के आग्रह वाले मामले में राज्य सरकार को याची की अर्जी पर कारवाई करके समुचित निर्देश जारी करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने इसके लिए याची को अनुमति दी कि वह समर्थित सबूतों के साथ उर्वरक विभाग के अपर मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव को शिकायती अर्जी दे। कहा, अर्जी पर अपर मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव संबंधित प्राधिकारियों से रिपोर्ट लेकर समुचित निर्देश जारी करेंगें।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की खंडपीठ ने यह आदेश स्थानीय अधिवक्ता मोतीलाल यादव की जनहित याचिका पर दिया। याची ने याचिका के साथ किसानों को खाद की उपलब्धता मामले में लखीमपुर खीरी, एटा समेत कई जिलों में हुए संघर्ष की अखबारों में छपी खबरों को लगाया था। याची की दलील थी कि साधन सहकारी समितियों के जरिए किसानों को निर्धारित दर पर रासायनिक खाद नहीं मिल रही है और इसकी बड़े पैमाने पर कालाबाजारी होने की वजह से इसे किसानों को मंहगी खरीदनी पड़ रही है।
याची ने इसमें, संबंधित विचौलियों व साधन सहकारी समितियों के कर्मचारियों की मिली भगत होने का भी आरोप लगाया। कहा कि खाद की कालाबाजारी के खिलाफ कई जिलों में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा। इससे किसानों में आक्रोश है। याची ने खाद की कलाबाजी रोकने समेत इसे किसानों को उचित दर पर उपलब्ध कराने की निर्देश जारी करने का आग्रह कोर्ट से किया। उधर, इसी शुक्रवार को मामले की सुनवाई के समय केंद्र व राज्य सरकार के अधिवक्ता भी पेश हुए। कोर्ट ने याचिका पर आदेश देकर तदनुसार इसे निस्तारित कर दिया।





