कभी न कभी थकान का अनुभव सभी को होता है। आराम करने या नींद लेने के बाद थकान मिट भी जाती है। लेकिन जब थकान हर वक्त बनी रहे और सुस्ती का असर मानसिक, शारीरिक व सामाजिक स्तर पर पड़ने लगे तो यह किसी गंभीर रोग का संकेत हो सकती है। तो आइये जानते हैं इसके बारे में…
एनीमिया:- आयरन की कमी एनीमिया से भी हमेशा सुस्ती बनी रह सकती है।
सामान्य तौर पर महिलाओं को पीरियड्स, प्रेग्नेंसी या बे्रस्ट फीडिंग के दौरान आयरन की कमी होती है। इसमें त्वचा का रंग पीला पड़ने लगता है, चिडचिडाहट और सुस्ती होने लगती है, शुगर स्तर भी घटता-बढ़ता है। हालांकि शुगर स्तर डायबिटीज में भी घटता-बढ़ता है। एनीमिया और डायबिटीज दोनों ही समस्याओं में थकान औरसुस्ती जैसे लक्षण दिखते है। ये टेस्ट कराएं-हीमोग्राम कराएं, जिसमें हीमोग्लोबिन टेस्ट, ब्लड काउंट, पीट- आईएनआर, एवीटीटी-पीटीटीके, एबीओ आरएच, सीरम आयरन, आयरन बाइंडिंग कैपेसिटी जैसे टेस्ट शामिल हो सकते हैं।
लिवर समस्या:- लगातार थकान बनी रहने के कारण लिवर पर प्रभाव पड सकता है। ब्लड ट्रांस्फ्यूजन, कोकीन या ड्रग लेने की हिस्ट्री हो तो हेपेटाइटिस-सी की आशंका हो सकती है। इसमें मरीज को हल्का-हल्का बुखार, भूख न लगना, शरीर में दर्द या फ्लू जैसे लक्षण हो सकते हैं। ये टेस्ट कराएं-लिवर फंक्शन टेस्ट के अलावा हेपेटाइटिस-सी के लिए भी ब्लड टेस्ट कराएं।
थायरॉयड:- मिडिल एज में खासतौर पर लो-थायरॉयड की समस्या ज्यादा होती है। थायरॉयड ग्लैंड टी4 और टी 3 जैसे हॉर्मोन बनाती है और मिड एज में यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है। चूंकी अन्य प्रक्रियाएं भी धीमी हो जाती हैं, इसलिए इस उम्र में वजन बढने, कब्ज, त्वचा में रूखापन और बाल झडने जैसी समस्याएं होने लगती हैं।