लखनऊ, राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता की पेशकश पर विश्व हिन्दू परिषद ने कहा कि इसका एकमात्र समाधान संसद में कानून बनाकर ही संभव है।
गौरतलब हो कि विहिप के प्रान्तीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राम जन्मभूमि के समाधान पर दिये गये सुझाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रामलला की भूमि प्राप्ति के लिए हिन्दू समाज लगातार संघर्ष करता आ रहा है। असंख्य हिन्दुओं ने अपने प्राणो की आहूति दी। वर्ष 1950 से अदालत की चौखट पर न्याय की प्रतिक्षा कर रहा है। बाहरी समाधान की अनेकों प्रयास हुए परिणाम ज्यों का त्यों। इसका मात्र समाधान कानून बनाकर ही संभव है। शरद शर्मा ने कहा कि स्थानीय न्यायालय से चली प्रक्रिया आज 67 वर्षो मे सर्वोच्च न्यायालय में है। इस दौरान 2010 में उच्च न्यायालय ने फैसला तो किया परन्तु अधूरा। अब पुनः बात तो वहीं आकर रूक जाती है जहां से शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि केन्द्र की अनेकों सरकार तथा देश के अनेकों बुद्धिजीवी आपसी बातचीत से इसके समाधान का बिगुल फूंकते रहे परिणाम ढांक के तीन पात। वैसे भी हिन्दू पक्ष वार्ता से कभी भी नहीं भागा, वार्ता की मेज से दूसरे पक्ष के लोग पलायन कर गये। आज भी कुछ अनाधिकृत लोग बातचीत का दौर चला रहे है जबकि वास्तविक पक्षकार इसमे दूर-दूर तक नहीं है। विहिप नेता ने कहा कि विहिप कहती आई है कि इसका एकमात्र समाधान सोमनाथ की भांति संसद है। जिसके रूख की प्रतिक्षा हम सभी कर रहे है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के सुझाव पर हमारे कानूनविद मंथन कर रहे हैं। न्यायालय मे नियमित बहस चलनी चाहिए। आगामी 31 मार्च को पड़ने वाली तिथि तक और भी साफ हो जायेगा।