जब शरीर की कुछ कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित होती है तो अपने आसपास के ऊतकों को फैला देती है, जिसे कैंसर कहा जाता है। ब्रैस्ट कैंसर यानी स्तनों का कैंसर दिनों-दिन महिलाओं को अपनी चपेट में ले रहा है। इसमें स्तनों की कोशिकाओं में गांठ महसूस होने लगती है। जिस वजह से उनके आसपास हल्का सा हाथ लगने पर भी दर्द होने लगता है। अक्सर महिलाएं इस परेशानी को नजरअंदाज करके बैठ जाती है।
अगर इस बीमारी का सही समय पर इलाज न करवाया जाए तो यह कोशिकाएं अपने आस-पास के हिस्सों को प्रभावित कर सकती है, जिस वजह से कैंसर पूरे शरीर में फैल जाता है और व्यक्ति का बचना मुश्किल हो जाता है। ब्रैस्ट कैंसर के दौरान निपल्स में गांठ और आसपास झुर्रियां दिखाई देने लगती है लेकिन ब्रैस्ट कैंसर के यहीं संकेत नहीं होते बल्कि यह बीमारी आने से पहले कई तरह के संकेत देने लगती है, जिनको जानना बहुत जरूरी है। अगर ब्रैस्ट कैंसर के संकेतों के बारे में पता होगा तभी आप अपना इलाज तुंरत करवा सकते है। सभी महिलाओं को ब्रैस्ट कैंसर के शुरूआती लक्षणों की पुरी जानकारी होनी चाहिए।
1. सूजन अगर स्तनों के आसपास दर्द और सूजन रहने लगे तो यह ब्रैस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है। ब्रैस्ट कैंसर के दौरान गर्दन की नाड़ियों के बीच और आर्मपिट के पास सूजन के आने लगती है। ऐसे में इस सूजन को हलके में न लेते हुए तुंरत डॉक्टर के पास जाएं और अपना सही इलाज करवाएं।
2. गर्दन के ऊपर दर्द ब्रैस्ट कैंसर के किसी अन्य लक्षण के दिखने से पहले गर्दन के ऊपरी हिस्से पर तेज दर्द होने लगता है। जब कैंसर की कोशिकाएं भड़ने लगती है तो इसका असर रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है जिससे गर्दन में दर्द होने लगता है।
3. आर्मपिट दर्द जब ब्रैस्ट कैंसर की कोशिकाएं फैलना शुरू होती है तो आर्मपिट पर काफी प्रभाव पड़ता है। स्तन कैंसर पहले अपने बगलों के लिम्फ नोड्स में फैलता है, जिसके परिणामस्वरूप वह जगह कोमल हो जाती है। स्तनों में गांठ पड़ती है तो वह हिस्सा दर्द होने लगता है।
4. डिस्चार्ज ब्रैस्ट कैंसर जब निपल्स के नीचे फैलने लगता है तो उसकी बनावट, रंग और आकार बदलने लगता है। इतना ही नहीं स्तनों से हल्का पानी या खूनी डिस्चार्ज होने लगता है। इसलिए इस संकेत को अनदेखा न करें बल्कि तुंरत इलाज करें।
5. ब्रैस्ट में खुजली स्तनों में ज्यादा खुजली और सूजन होना, यह ब्रैस्ट कैंसर के शुरूआती लक्षणों में से एक है। कैंसर कोशिकाएं रक्त वाहिकाओं और लिम्फ नोड्स में बाधा डालती हैं, जिससे त्वचा के नीचे तरल निर्माण होता है, जिससे उस जगह पर चकत्ते पड़ जाएगे और खुजली होने लगती है। यह खुली किसी तेल या क्रीम से दूर नहीं होगी।
6. ब्रैस्ट के आकार और बनावट में बदलाव जब स्तनों का कैंसर होता है तो ब्रैस्ट गोल से अंडाकार शेप में बदल जाती है। इतना ही नहीं, ब्रैस्ट का साइज भी बदल जाता है। दरअसल, ब्रैस्ट में अनियमित टिश्यू बढ़ने के कारण उनकी शेप और साइज दोनों बदल जाते है।
7. थकावट ब्रैस्ट कैंसर होने पर महिलाओं को हमेशा थकान महसूस होती है। कैंसर के सैल रक्त की कोशिकाओं पर दबाव डालते हैं जिससे शरीर अत्यधिक थकान महसूस करता है और टूटा-टूटा महसूस करता है।