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सोशल मीडिया-क्या दलित उत्पीड़न के दाग अच्छे हैं, इसलिये योगी ने नही लिया साबुन ?

लखनऊ,  दलित उत्पीड़न के विरोध मे, प्रेस क्लब लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे कई दलित कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. 

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 ये लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक विशाल साबुन की टिकिया भेंट करने वाले गुजरात से लखनऊ आ रहे 50 दलितों को झांसी मे रोके जाने का विरोध कर रहे थे।

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योगी आदित्यनाथ के कुशीनगर दौरे के समय, पहले प्रशासन ने स्थानीय दलितों को साबुन और सैंपू दिया था। साथ ही मुख्यमंत्री के पास नहाकर आने की नसीहत दी थी। माना जा रहा है कि इसी का विरोध करते हुए गुजरात के दलित नेता मुख्यमंत्री को साबुन भेंट करने आ रहे थे।

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 अम्बेडकर महासभा के अध्यक्ष डा० लालजी निर्मल ने अपने फेसबुक वाल पर पोस्ट किया-

“आज दारापुरी जी की गिरफ्तारी पर पूरे देश मे हंगामा मचा । यह पहला अवसर है जब प्रेस क्लब से किसी को अरेस्ट किया गया ।यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है कि प्रेस क्लब के भीतर धारा 144 का उल्लंघन कैसे हो गया ।आज न्यूज नेशन पर मैंने बताया कि रामनरेश यादव सरकार के दौरान एक छात्र आंदोलन के दौरान हम लोगों ने विधान सभा के अंदर घुस कर प्रदर्शन किया था और एक आइपीएस अधिकारी को सुबह से शाम तक अपने घेरे में ले रखा था ।आज उस स्थिति की हम कल्पना नही कर सकते ।हमने कहा डेमोक्रेसी में धरना प्रदर्शन तो लोकतंत्र का श्रृंगार है ।आज यदि दलित जनांदोलनों में उतर रहा है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए ।वैसे दारापुरी सर की यह पहली बार गिरफ्तारी नही है इसके पहले जब वे डीआईजी पुलिस थे तो दलित सवालों पर अम्बेडकर महासभा से गिरफ्तारी दी थी ।जुल्म और दलन के खिलाफ उनकी आवाज सेवाकाल में भी लगातार गूंजती रही है ।दारापुरी जी देश के पहले आई पी एस अधिकारी रहे हैं जो मात्र 6 महीने पुलिस कप्तान रहे |शेष कार्यकाल पुलिस प्रशिक्षण कालेज ,विशेष जांच,या पुलिस मुख्यालय |”

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विकास जाटव ने इस पर कमेंट किया-

योगी सरकार दमनकारी नीति चला रही है। अघोषित आपातकाल जैसी।स्तिथि हो रही है। साहरनपुर में ऐसा माहौल बना दिया गया जिससे कि कोई भी अगर शब्बीरपुर की घटना पर चर्चा कर रहा था तो इसे अंदर कर दिया जा रहा था।

सचिन अम्बेडकर एक साधारण सा लड़का जो कि गाजियाबाद में रहता है ने जोश जोश में कोई पोस्ट शेयर कर दी। पूरी क्राइम ब्रांच की टीम उसे गाजियाबाद से गिरफ्तार करके लाई। शुरू में आई टी एक्ट लगाया और उसके बाद दो ऐसे मुकदमे लगा दिए जिसमे उसका दूर तक मतलब नही है। सचिन आज भी साहरनपुर की जेल में है जबकि उसके बाद गिरफ्तार करे गए व्यक्ति बाहर आ गए।

दिलीप सी मंडल  ने अपने फेसबुक वाल पर पोस्ट किया-

यूपी के पूर्व इंस्पेक्टर जनरल पुलिस, S.r. Darapuri, IPS को यूपी पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया। वे दलित उत्पीड़न के सवाल पर लखनऊ प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन कर रहे थे। आरोप कुछ नहीं है। रात तक छूट जाएँगे। लेकिन ऐसे कोई डरता है भला?

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प्रसिद्ध साहित्यकार वीरेंद्र यादव ने अपने फेसबुक वाल पर पोस्ट किया-

तीन जुलाई की लखनऊ प्रेस क्लब की घटना का परिप्रेक्ष्य और निहितार्थ।
1–दलित दमन के विरोध में प्रतिरोध को संगठित न होने देना।2-प्रेस क्लब सरीखी संस्थाओं को सत्ताधारी पार्टी का यह संदेश कि उनके परिसर का उपयोग असहमति की अभिव्यक्ति के लिए न हो।
3–सोशल एक्टिविस्टों को दंडात्मक कार्रवाई का भय दिखाकर मानसिक रूप से अनुकूलित करना।

जरूरत है सत्ता के इन दमनकारी निहितार्थों को समझ कर प्रतिरोध की संगठित सशक्त अभिव्यक्ति की। उम्मीद की जानी चाहिए कि लखनऊ शहर अपनी इस भूमिका का निर्वहन अवश्य करेगा।

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संघर्ष संवाद के फेसबुक वाल पर कविता श्रीवास्तव ने जरूरी सूचना पोस्ट किया-

जरूरी सूचना : Kavita Srivastava
क्या अभी भी आपातकाल नही है ?
लखनऊ प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पुलिस ने घुस कर प्रोफेसर रमेशदीक्षित ,पूर्वपुलिस अधिकारी एस . आर. दारापुरी , रामकुमार , आशीष अवस्थी , पी एस कुरील को गिरफ्तार किया गया । यह लोकतंन्त्र के मुँह पर कालिख है। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाना चाहिए ।
#आपातकाल
ज्ञात रहे कि गुजरात से up आ रहे कुछ दलित संगठनों को कल झांसी में गिरफ्तार किया गया था , आज उस गिरफ्तारी के विरोध में यह प्रेस कांफ्रेंस हो रही थी । उस पर इस तरह का हमला आज़ादी को मज़ाक बनाना है

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 अपने फेसबुक वाल पर वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र यादव दिल्ली से लिखतें हैं-

विरोध-प्रदर्शन करने पर तो जो होगा सो होगा ही, विरोध के बारे में सोचा भी तो भी जेल में डाल दिए जाओगे।
लखनऊ में S.r. Darapuri और 8 लोग सोचने पर ही अंदर कर दिए गए।

अपने फेसबुक वाल पर दिलीप यादव लिखतें हैं-

उत्तर प्रदेश बनता गिरफ्तारी प्रदेश……………..
उत्त्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रदर्शन से इतना डरते है कि लोगो को प्रदर्शन से पहले ही गिरफ्तार करा ले रहे है.
योगी को गुजरात से 125 किलो का साबुन देने आ रहे 45 दलित-आदिवासी झाँसी में हिरासत में लिया गया.
प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पुलिस ने घुस कर प्रोफेसर रमेशदीक्षित पूर्वपुलिस अधिकारी एस . आर. दारापुरी , रामकुमार , आशीष अवस्थी , पी एस कुरील को गिरफ्तार किया।

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