तेजस्वी यादव ने दिया बीजेपी को बड़ा झटका, एनडीए छोड़ यह सहयोगी दल महागठबंधन में शामिल
February 28, 2018
पटना, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार की राजनीति में आज बड़ा उलटफेर करा दिया है। बिहार मे भाजपा नीत एनडीए को तगड़ा झटका लगा है। भाजपा से नाराज चल रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन में शामिल हो गए हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने स्वागत किया है।
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी से राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एवं तेजप्रताप यादव ने मुलाकात की। इसके बाद मांझी ने महागठबंधन में शामिल होने का एलान कर दिया। मांझी ने बताया कि इसकी औपचारिक घोषणा रात आठ बजे की जायेगी। हालांकि, कई भाजपा नेताओं ने कहा कि मांझी को मना लिया जाएगा।
जीतनराम मांझी के पहले जदयू के निलंबित विधायक एवं पूर्व मंत्री सरफराज आलम भी कुछ दिनों पहले राजद में शामिल हुए हैं। सरफराज के पार्टी में आने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके दावा किया था कि जदयू में अभी और टूट होगी। जो आज तेजस्वी यादवने सच साबित कर दिखायी।
बुधवार की सुबह तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव राजद नेता भोला यादव के साथ जीतनराम मांझी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। लगभग एक घंटे की बैठक के बाद जीतनराम मांझी ने यह घोषणा कर दी कि वे राजद से अलग हो रहे हैं और महागठबंधन में जायेंगे। इस मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि जीतनराम मांझी बिहार के बड़े नेता हैं। वे दलितों-पिछड़ों के नेता हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए काफी सराहनीय काम किया है। मांझी लगातार दलितों और पिछड़ों की अावाज उठाते रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि मांझी उनके लिए पिता तुल्य व अभिभावक हैं। महागठबंधन में उन्हें हमेशा सम्मान मिलेगा। एनडीए में सहयोगी दलों का सम्मान नहीं किया जाता है। राजद नेता ने कहा कि जब देश में ही इमरजेंसी लागू है तो ऐसे में समझा जा सकता है कि गठबंधन में क्या हाल होगा। तेजस्वी यादव ने कहा है कि जीतन राम मांझी महागठबंधन में शामिल हो गए हैं और एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान करेंगे।
बिहार में नीतीश कुमार का साथ मिलने के बाद से गठबंधन में उपेंद्र कुशवाह और जीतन राम मांझी की अनदेखी की जा रही थी। राज्यसभा सीट के लिए भी मांझी ने दावा पेश किया था। इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव और राज्यपाल के लिए भी मांझी ने अपना दावा पेश किया था।