नई दिल्ली, आज नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश होगा। आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे की मांग को लेकर राज्य की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी शुक्रवार को एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी ने इस बावत पत्र लिखकर कई विपक्षी दलों से समर्थन मांगा है।
ओंगोल सीट से सांसद श्री रेड्डी ने लोकसभा की महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव को सौंपे गये नोटिस में अनुरोध किया है कि उनके अविश्वास प्रस्ताव को नियम 198 बी के प्रावधानों के तहत 16 मार्च की कार्यसूची में शामिल किया जाय। इसी सिलसिले में वाईवी सुब्बा रेड्डी गुरुवार को कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं से मिले। सुब्बा रेड्डी ने कांग्रेस नेता मल्लिार्जुन खड़गे और माकपा नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात की और उन्हें पार्टी अध्यक्ष का पत्र सौंपा। पार्टी अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी ने इस मामले पर इन नेताओं से समर्थन मांगा है।
इधर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि यदि जरूरत पड़ी तो केन्द्र के खिलाफ उनकी पार्टी अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन करने के लिए तैयार है। नायडू ने कहा, ‘‘ जो भी अविश्वास प्रस्ताव लाएगा हम उसका समर्थन करेंगे। हम उसके लिये तैयार रहेंगे और हमारे 16-17 सांसद उसका पूरी तरह समर्थन करेंगे। हम राज्य के अधिकारों के लिये जो भी लड़ेगा उसका समर्थन करेंगे।’’
उनकी घोषणा इस बात के संकेतों के बीच आई है कि तेदेपा राजग से हटने पर विचार कर रही है. पार्टी ने हाल में नरेंद्र मोदी सरकार से अपने मंत्रियों को हटा लिया था. पार्टी सूत्रों ने बताया कि मुद्दे पर फैसला करने के लिये कल तेलगू देशम पार्टी के पोलित ब्यूरो की आपात बैठक बुलाई है. आंध्र प्रदेश में टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस एक दूसरे की विरोधी पार्टियां हैं।
लोकसभा की बैठक शुरू होने पर तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने और राज्य से संबंधित अन्य मांगें उठाते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित करनी पड़ी। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर टीडीपी के दो मंत्री केंद्र से पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। उस समय टीडीपी ने कहा था कि वह एनडीए सरकार को समर्थन देते रहेंगे।