आज पहला विश्व साइकिल दिवस, साइकिल चलायें और इतने सारे फायदे पायें..
June 3, 2018
नई दिल्ली, संय़ुक्त राष्ट्र द्वारा तीन जून को विश्व साइकिल दिवस घोषित किया गया है.फिटनेस के प्रति लोगों की बढ़ती जागरुकता तथा सरकार एवं विभिन्न एजेंसियों के प्रयासों के परिणामस्वरूप देश में साइकिल का क्रेज बढ़ रहा है लेकिन इसके इस्तेमाल में भारत अन्य देशों के मुकाबले काफी पीछे है.
साइकिल संस्कृति के मामले में भारत आखिर क्यों पीछे है। भारत मे एक तबका है जो अपनी जरूरत के हिसाब से साइकिल का उपयोग करता है लेकिन अधिकांश लोग इससे अभी भी कटे हुए हैं. इसका एक प्रमुख कारण इसको स्टेटस से जोड़कर देखना है. आज भी भारत मे निम्न और निम्न मध्यम वर्ग ही साईकिल का सबसे ज्यादा प्रयोग करता है. इसे गरीबों की सवारी की नजर से देखा जाता है.
लेकिन आज शहर से लेकर कस्बे तक मे बढ़ती भीड़ और समय की कमी के कारण साईकिल को एक बार फिर नये विकल्प के रूप मे देखा जा रहा है. अब तो साईकिल चलायें, सेहत बनाये, खर्च बचाये और परोपकार कमाये. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि साईकिल अब गरीबों की सवारी के साथ-साथ अमीरों का शौक और मजबूरी बन गयी है.
वाहनों से बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिये साईकिल जैसे प्रदूषण रहित वाहन का कोई विकल्प नही है. इसलिये साईकिल चलाकर प्रदूषण को रोका जा सकता है और एेसा करके हम खुद के साथ-साथ दूसरों के स्वास्थ्य और जीवन को अच्छा रखने मे मदद कर सकतें हैं। साथ ही वाहन के रूप मे साईकिल का प्रयोग करके हम ज्यादा ट्रैफिक वाले स्थानों मे अन्य वाहनों से पहले अपने गंतव्य पर पहुंच सकतें हैं।
अब भारत मे साईकिल को स्वास्थ्य से जोड़कर देखने की शुरूआत हो चुकी है. राजनेताओं से लेकर, अभिनेता तक साईकिल का सार्वजनिक रूप से प्रयोग कर इसे अपनाने की अपील कर रहें हैं। लेकिन एेसे लोगों की संख्या गिनी चुनी है. वैसे अब लोग पहले से ज्यादा हेल्थ- कांशस हो रहें हैं और साईकिल एक्सरसाईज का एक अच्छा साधन है. बिना एक्स्ट्रा टाईम दिये केवल साईकिल का प्रयोग कर हम पसीना निकाल सकतें हैं.
लेकिन भारत मे, साइकिल संस्कृति कोआगे बढ़ाने के लिये के लिए अभी भी काफी कुछ किया जाना बाकी है। इसकी शुरूआत समाज के अग्रणी लोगों को स्वयं साईकिल का अधिक से अधिक प्रयोग करके करनी होगी. जिससे इस पर से गरीबों की सवारी का तमगा हटे. सड़क पर अन्य वाहन चालकों को साईकिल चालकों को सम्मान देना होगा, रास्ता देना होगा. कार- बाईक चालकों, बस चालकों और ट्रक चालकों को यह समझना होगा कि एक साइकिल चालक को भी उन्ही रास्तों पर चलने का उतना ही अधिकार है, जितना उनका है।
साइकिल चालकों की सुविधा और सुरक्षा के लिये चार लेन सड़कों और हाइवे पर बाईं ओर साइकिल चालक के लिए रास्ते की व्यवस्था सरकार की तरफ से होनी चाहिए जिस पर पैदल, साईकिल या कम गति के वाहन चल सकें। साइकिल से दफ्तर आने की आदत को सरकार को बढ़ावा देने के लिये कर्मचारियों को पार्किंग और शॉवर की सुविधा मुहैया करानी चाहिये। कारपोरेट दफ्तरों में तो साइकिल पार्किंग की कोई जगह ही नहीं होती है। इससे साइकिलिंग के प्रयोग को बढ़ावा देने मे रूकावट आती है. आफिसों मे साईकिल पार्किंग की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिये.
साइकिल मे भी वैरायटी हैं और ब्रांड्स की भरमार ह. साईकिल मे, माउंटेन, रोड, साइक्लोक्रास, सिटी एंड अरबन, ई-बाइक , ट्रैकिंग बाइक्स, जूनियर बाइक्स आदि की विशाल रेज है, जिनकी कीमत 25 हजार से लेकर 8 लाख रुपये तक है। तो चुनिये अपनी जरूरत और सुविधा के हिसाब से साइकिल और खरीद सकते हैं.