पर्यावरण के लिए आज प्लॉस्टिक है सबसे बड़ी विनाशकारी चुनौती
June 5, 2018
नई दिल्ली, प्लॉस्टिक का आज हमारे दैनिक जीवन में अधिकाधिक इस्तेमाल किया जाता है पर इसके कितना विनाशकारी प्रभाव हमारे अपने पर्यावरण और स्वास्थ्य पर पड़ रहा है उसका आम आदमी अपने जीवन में सहजता से अंदाजा भी नहीं लगा सकता है आज विश्व पर्यावरण दिवस पर मानव जीवन पर प्लॉस्टिक के बढ़ते खतरों के बारे में सोचने की आवश्यकता है।यही वजह है कि आज विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) की थीम प्लास्टिक प्रदूषण को मात देने पर आधारित है। इस वर्ष इसका वैश्विक आयोजन भारत में हो रहा है।
27 मार्च, 1933 को अनजाने में हुई इस प्लास्टिक को वैज्ञानिकों ने मानव जाति की सुविधा के लिए ईजाद किया था, वह आज हमारे समूचे पर्यावरण के लिए खतरा बनती जा रही है। प्लॉस्टिक की सबसे बड़ी खूबी ही सबके लिए विनाशकारी होती जा रही है, और वह है प्लॉस्टिक का समाप्त न होना। इसके चलते हमारी धरती से लेकर समुद्र तक हर तरफ प्लास्टिक ही प्लास्टिक है। पीने के पानी में हम प्लास्टिक पी रहे हैं, नमक में प्लास्टिक खा रहे हैं।
हर वर्ष लाखों जलीय जीव प्लॉस्टिक प्रदूषण से अकारण ही काल के गाल में समा रहे हैं इसका हालिया उदाहरण थाईलैंड में देखने को मिला है, जहां एक व्हेल मछली की मौत का कारण प्लॉस्टिक निगलना बना और उसके पेट में 80 से अधिक प्लॉस्टिक बैग मिले । आज प्लॉस्टिक विश्व की लिए घातक चुनौती के रूप में सामने आ रहा है और यह विनाशकारी स्थिति हमारी अपनी वजह से हुई है। क्योंकि हम विकल्पों की तरफ देखना ही नहीं चाहते।