नयी दिल्ली, मृत्युदंड खत्म करने की माँग करते हुए कांग्रेस ने आज राज्यसभा में कहा कि इस संबंध में संविधान में संशोधन करने के लिए संसद को गंभीरता से सोचना चाहिए। कांग्रेस के प्रदीप टमटा ने सदन में निजी विधेयक ष्मृत्युदंड उत्सादन विधेयक 2़016 को चर्चा के लिए पेश करते हुये कहा कि व्यक्ति अपने मूल स्वभाव से अपराधी नहीं हाेता।
इसलिए अपराध के कारण तलाशे जाने चाहिए जिससे अपराधियों की संख्या में कमी लायी जा सके और समाज को इस मनोवृत्ति से मुक्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि मानव जीवन अमूल्य होता है और 21 वीं सदी में मृत्युदंड के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
उन्होंने विधि आयोग के एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि मृत्युदंड से अपराध कम नहीं होते। इसके अलावा मृत्युदंड की सजा पाने वाले अधिकतर समाज के गरीब तबके के लोग होते हैं जो महँगी कानूनी प्रक्रिया के कारण न्याय से वंचित हो जाते हैं।
उन्हाेंने कहा कि दुनिया 140 देशों में मृत्युदंड की व्यवस्था समाप्त हो चुकी है जबकि भारत में 372 लोगों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। आजादी के बाद से 52 लोगों को फाँसी दी गयी है। श्री टमटा ने कहा कि जघन्य अपराधों के दोषी व्यक्ति को आजीवन कारावास और मृत्युदंड के बीच काेई व्यवस्था तलाशी जानी चाहिए जो संपूर्ण जीवन कारावास हो सकता है।