सोनभद्र मे आदिवासियों के नरसंहार पर सीएम योगी ने दी सफाई, एकबार फिर कांग्रेस को बताया दोषी
July 19, 2019
लखनऊ, सोनभद्र मे आदिवासियों के नरसंहार पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सफाई दी है. लेकिन पूर्व की भांति इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिये सीएम योगी ने कांग्रेस को दोषी बताया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र हत्याकांड पर शुक्रवार को लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस हत्याकांड में 10 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था.
खूनी संघर्ष के मामले में शुक्रवार को सदन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया. इस दौरान विपक्ष के विधायकों ने सदन में ही वेल के पास पोस्टर लेकर नरसंहार पर विरोध करने लगे. हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कार्यवाही स्थगित कर दी गई.सोनभद्र के मामले में योगी आदित्यानाथ ने कहा कि मैंने खुद डीजीपी को निर्देश दिया कि वो व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस जमीन पर काफी समय से विवाद था.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीधे-सीधे इस घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इस घटना की नींव 1955 में ही पड़ गई थी, जब कांग्रेस की सरकार थी. सोनभद्र के विवाद के लिए 1955 और 1989 की कांग्रेस सरकार दोषी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सोनभद्र में जो घटना घटी है, उसकी नींव 1955 में रखी गई थी. इस पूरे प्रकरण में ग्राम पंचायत की जमीन को 1955 में आदर्श सोसाइटी के नाम पर दर्ज कर किया गया था. इस जमीन पर वनवासी समुदाय के लोग खेती बाड़ी करते थे. बाद में इस जमीन को किसी व्यक्ति के नाम 1989 में कर दिया गया था. 1955 में कांग्रेस की सरकार थी.
सीएम योगी ने कहा कि पीड़ित पक्ष इस जमीन पर खेती कर रहा था और आरोपी प्रधान को कुछ पैसा भी दे रहा था, लेकिन इस मामले में प्रधान द्वारा वाद दायर करने के बाद पीड़ित परिवार ने पैसा देना बंद कर दिया था. उन्होंने बताया कि इस मामले मे कुल 29 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं जिसमें एक आरोपी ग्राम प्रधान भी है. हालांकि मुख्यमंत्री ने यह स्वीकार किया कि अधिकारियों ने इस मामले में लापरवाही बरती.उन्होंने बताया कि वाराणसी जोन एडीजी पूरे प्रकरण की जांच कर 10 दिन में रिपोर्ट सौपेंगे. इस मामले में लापरवाही के चलते सीओ, एसडीएम, इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन पर विवाद था और शांति भंग की आशंका थी. फिर अधिकरियों ने लापरवाही की. जिलाधिकारी, क्षेत्रधिकारी समेत तीन लोगों पर जांच कमेटी ने कार्रवाई की संस्तुति की है.बुधवार को प्रधान यज्ञदत्त ट्रैक्टर ट्राली में भरकर करीब 200 लोगों को लेकर घोरावल थाना इलाके के उम्भा गांव पहुंचा. उन लोगों के पास गंड़ासे और अवैध तमंचे थे. प्रधान ट्रैक्टरों से खेत की जबरन जुताई करवाने लगा. इस पर ग्रामीणों ने विरोध किया तो प्रधान के समर्थकों ने उन पर हमला कर दिया. ग्रामीणों ने मुताबिक, इस दौरान हमलावरों ने सामने आने वाले लोगों को गंड़ासे से काट डाला.
फायरिंग में गोली लगने और गंड़ासे से घायल ग्रामीणों की लाशें खेत में चारों तरफ गिरती चली गईं. लोगों का कहना है कि गोंड आदिवासी बहुल इस जनपद में सदियों से आदिवासियों के जोत को तमाम नियमों के आधार पर नजरअंदाज किया जाता रहा है. इलाके में रसूखदार लोग इस तरह की काफी जमीनों पर अवैध तरीके से काबिज हैं.