नई दिल्ली, अब यूपी में लखनऊ के बाद इस शहर में मेट्रो चलेगी . गोरखपुर मेट्रो रेल परियोजना को लेकर योगी सरकार की कोशिशें तेज हो गई हैं. गोरखपुर में जल्द मेट्रो चलाने को लेकर प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार की अध्यक्षता में एक बैठक लखनऊ में संपन्न हुई.
बैठक में शामिल होने लखनऊ आए गोरखपुर के जिलाधिकारी के. विजयेन्द्र पाण्डियन ने बताया कि दो कॉरिडोर में मेट्रो को चलाने के लिए डीपीआर तैयार किया गया है. उसपर चर्चा हुई. इस डीपीआर को अब शासन में मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है. जिसके बाद केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.
जिलाधिकारी के. विजयेन्द्र पाण्डियन के मुताबिक, कैबिनेट में पास होने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. गोरखपुर मेट्रो के बारे में विस्तार से बताते हुए के. विजयेन्द्र पाण्डियन ने बताया कि 4100 करोड़ की पूरी परियोजना हैं. इस मेट्रो के अंदर 5 लाख यात्रियों को ले जाने की क्षमता रहेगी. इसे हम लाइट मेट्रो कहते हैं.
गोरखपुर के डीएम ने बताया कि कुल दो कॉरिडोर बनाए जाएंगे. पहला कॉरिडोर 17 किलोमीटर का होगा. जिसमें गोरखनाथ मंदिर से लेकर सेवई बाजार (मदन मोहन इंजीनियरिंग कॉलेज) तक रहेगा. वहीं दूसरा कॉरिडोर गुलरिहा से लेकर नौसड़ तक रहेगा.
उन्होंने बताया कि गोरखपुर एयरपोर्ट से पहले एम्स तक मेट्रो जाएगी, क्योंकि सुरक्षा की दृष्टि से वायुसेना के अधिकारियों को कुछ आपत्ति है. उस पर जिला प्रशासन और वायुसेना के अधिकारियों के बीच बातचीत जारी है. डीएम बताते हैं कि पहले कॉरिडोर में गोरखनाथ मंदिर, रेलवे स्टेशन, कचहरी, यूनिवर्सिटी और बस स्टेशन जैसे प्रमुख स्थानों को केंद्रित किया गया है.
गोरखपुर के जिलाधिकारी ने बताया कि इस परियोजना को पूरा करने के लिए 20 प्रतिशत फंडिग केंद्र सरकार से मिलेगी, जबकि 200 करोड़ रुपये लोकल विभाग को देना होता हैं. बाकि 3 हजार करोड़ रुपये बैंक से लोन के रूप में फंडिग की जाएगी.
पाण्डियन ने बताया कि 31 अगस्त को प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार गोरखपुर के दौरे पर आ रहे हैं. जो पहले कॉरिडोर के अंतर्गत कार्य योजना का निरीक्षण करेंगे. डीएम के मुताबिक, अगर सबकुछ ठीक रहा तो 3-4 महीने के अंदर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. वहीं इस परियोजना को पूरा होने में 2-3 साल का समय लग सकता हैं.