वाशिंगटन, अमेरिका में ई-सिगरेट पीने से होने वाली फेफड़े की बीमारियों से कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि सैकड़ों अन्य फेफड़े की बीमारी से जूझ रहे हैं और कई किशोर कोमा जैसी हालत में हैं।
खाद्य और औषधि प्रशासन ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रयोगशालों में परीक्षण के लिए आए नमूनों में ऐसा कुछ नहीं मिला जो प्रतिबंधित हो, लेकिन न्यूयॉर्क के जांचकर्ताओं ने बताया कि वे काला बाजार में गांजा आधारित ई-सिगरेट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जिसमें विटामिन ई- ऑयल होता है।
कैलिफोर्निया और मिनिसोटा के स्थानीय प्रशासन ने शुक्रवार को बताया कि ई-सिगरेट पीने से दो बुजुर्ग लोगों की मौत हुई है। उनकी सेहत अपेक्षाकृत खराब थी और इनमें से एक ने टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल (टीएचसी) का इस्तेमाल किया था जो गांजा में पाया जाने वाला यौगिक है जिससे उत्तजेना पैदा होती है।
रोग रोकथाम और निवारण केंद्र (सीडीसी) में गैर संक्रमणकारी बीमारियों की कार्यकारी उपनिदेशक इलियाना एरियास ने बताया कि ई-सिगरेट से धूम्रपान करने के कारण 450 से अधिक लोगों में फेफड़े की बीमारी का पता चला है जो पिछले हफ्ते के मुकाबले दोगुनी है।
उत्तरी कैरोलिना में श्वसन रोग विशेषज्ञ डेनियल फॉक्स ने कहा कि जिन मरीजों की उन्होंने जांच की है वे गैर संक्रमणकारी निमोनिया के शिकार हैं जिसे लिपॉड निमोनिया कहते हैं। यह तेल या तेल जैसा पदार्थ फेफड़े में जाने से होता है।
न्यूयॉर्क के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि प्रयोगशाला में परीक्षण के दौरान 34 लोगों की ओर से इस्तेमाल की गई ई सिगरेट में विटामिन ई ऑयल की मात्रा बहुत अधिक पाई गई, जिससे वे बीमार पड़े। इस तथ्य को केंद्र में रखकर आगे की जांच की जा रही है।
विटामिन ई एसिटेट का इस्तेमाल आमतौर पर पूरक पोषक आहार के रूप में किया जाता या त्वचा पर लगाया जाता है, लेकिन श्वास के रास्ते फेफड़े में जाने पर यह घातक हो जाता है। कई मरीजों ने बताया कि उन्होंने गांजा पिया, लेकिन कुछ ने कहा कि उन्होंने सांस के जरिये निकोटिन उत्पादों से नशा किया।
अमेरिका में ई सिगरेट की वजह से पहली मौत की खबर इलिनॉयस में अगस्त के आखिर में आई थी। ऑरेगन राज्य ने इस हफ्ते कहा कि जुलाई में हुई एक मरीज की मौत भी ई सिगरेट की वजह से हुई। इंडियाना प्रशासन ने ई सिगरेट से एक मौत की जानकारी दी लेकिन समय नहीं बताया।
रिपोर्ट के मुताबिक मरीजों ने अस्पताल में भर्ती होने से पहले सांस लेने में परेशानी और सीने में दर्द की शिकायत की। उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया। डॉक्टरों का कहना है कि कई मरीजों का शुरुआत में ब्रोंकाइटिस (श्वास नली में सूजन व सिकुड़न) या वायरल से होने वाली कमजोरी का इलाज किया गया और अंतिम चरण में बीमारी के वास्तविक कारणों का पता चला।
जांचकर्ता अभी स्पष्ट नहीं है कि ई-सिगरेट से मौतों के मामले हाल में आए हैं या पहले भी ऐसी मौतें होती थी जो जागरूकता की कमी की वजह से दर्ज नहीं हो पाईं।