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हरियाणा मे खट्टर और दुष्यंत के शपथग्रहण के बाद, अब इन पदो पर सबका जोर

चंडीगढ़,  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी गठबंधन में बनी नई सरकार

के मुख्यमंत्री के रूप में आज शपथ ग्रहण की। इसके बाद अब सबका पूरा जोर कैबिनेट मंत्रियों, राज्य मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष और

उपाध्यक्ष को लेकर शुरू हो गया है।

मनोहर लाल खट्टर लगातार दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। उनके साथ जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने श्री खट्टर और श्री चौटाला को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

श्री चौटाला पहली बार राज्य के उप मुख्यमंत्री बने हैं।

इन दोनों के अलावा गठबंधन सरकार के किसी अन्य कैबिनेट अथवा राज्य मंत्री ने शपथ नहीं ली।

राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद शनिवार को श्री खट्टर ने मीडिया से बातचीत में उनके और श्री चाैटाला के शपथ ग्रहण

करने की बात कही थी।

सूत्रों के अनुसार दाेनों दलों में कैबिनेट मंत्रियों और राज्य मंत्रियों तथा इनके विभागों को लेकर फिलहाल कोई सहमति नहीं बनी है।

सरकार में निर्दलीय विधायकों को मंत्री पद से नवाजा जा सकता है।

राज्य विधानसभा के सदस्यों के अनुसार इनमें से कुल 13 मंत्री ही बनाये जा सकते हैं तथा इनके अलावा एक विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाया जाएगा।

अगले दिनों में यह सब तय होने के बाद भी मंत्रिपरिषद का शपथ ग्रहण होगा।

शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिरोमणि

अकाली दल(शिअद) संरक्षक एवं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी.एल. संतोष ,पार्टी के प्रदेश

मामलों के प्रभारी डा0 अनिल जैन, चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन, पिछली भाजपा सरकार में मंत्री रहे कैप्टन अभिमन्यु, राम

विलास शर्मा, कृष्णलाल पंवार, मनीष ग्रोवर के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दिल्ली की तिहाड़ जेल से

फरलो पर बाहर आये दुष्यंत चौटाला के पिता अजय सिंह चौटाला, उनकी माता एवं विधायक नैना चौटाला, राज्य सरकार के प्रशासनिक एवं

पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य मौजूद थे।

राज्य में गत 21 अक्तूबर को विधानसभा चुनाव हुये थे तथा मतगणना 24 अक्तूबर को हुई थी जिसमें किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था।

भाजपा ने जजपा के दस और सात निर्दलीय विधायकों के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई है।

भाजपा को इस चुनाव में 40 सीटें मिली थीं और वह बहुमत के जादुई आंकड़े से छह सीट पीछे रह गई थी।

खट्टर के ही नेतृत्च में भाजपा ने गत लोकसभा चुनावों में सभी दस सीटों पर कब्जा कर अन्य राजनीतिक दलों को धूल चटा दी थी।