पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की पुण्यतिथि के मौके पर, पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सपा के विरूद्ध नफरत भरी साजिश इसलिए भी करती है क्योंकि वह सामाजिक न्याय से महापरिवर्तन का आह्वान कर उस दिशा में प्रयासशील है। भाजपा सामाजिक असमानता को बनाए रखना चाहती है क्योंकि तभी कारपोरेट दुनिया उसकी संरक्षक बनी रहेगी। समाजवाद के प्रति अनर्थ की अभिव्यक्ति भी इसीलिए भाजपा नेतृत्व करता रहता है। भाजपा को यह बात गांठ बांध लेनी चाहिए कि जब तक सामाजिक विषमता और अन्याय रहेगा तब तक समाजवादी विचारधारा की सार्थकता बनी रहेगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर कटाक्ष करते हुये समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को समाजवाद और समाजवादियों की चिंता करने के बजाय अपनी सरकार में बिगड़ते हालात पर तवज्जो देनी चाहिये।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का राजनीतिक एजेण्डा समाजवादी व्यवस्था के खिलाफ रहा है। समाज में नफरत और दूरी पैदा करने की भाजपा की लगातार कोशिश रहती है। भाजपा का मातृ संगठन आरएसएस की विचारधारा असहिष्णुता का पाठ पढ़ाती है। भाजपा का गांधीजी, सरदार पटेल, आचार्य नरेन्द्र देव, लोकनायक जयप्रकाश नारायण और डा लोहिया की विचारधारा से कभी कोई सम्बंध नहीं रहा है। ये सभी स्वतंत्रता सेनानी थे जबकि आरएसएस स्वतंत्रता आंदोलन का कभी हिस्सा नहीं बना था।
उन्होने कहा कि भारत के संविधान में जहां पंथनिरपेक्षता और लोकतंत्र है वहीं समाजवाद का भी उल्लेख है। इस विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम समाजवादी पार्टी कर रही है। जो समाज के सबसे गरीब, शोषित और वंचित वर्ग की आवाज बन गई है। विशेषाधिकार प्राप्त लोग ही इसमें जातिवाद ढूढ़ते हैं। यह पूरी तरह से योजनाबद्ध ढंग से प्रचारित झूठ है। इसका फायदा खास शोषक वर्ग को मिलता रहे इसलिए भाजपा यह भ्रांति फैलाती है।
उन्होने कहा कि उपदेशों और प्रवचनों से भूखों का पेट नहीं भरता है। जन-समस्याओं के समाधान की दिशा में भाजपा को काम करना चाहिए। जनता का ध्यान मूल समस्याओं से भटकाने के लिए ही अब भाजपा सांसदों की पदयात्रा का ढोंग करने जा रही है।