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पुष्पेन्द्र की बातकर बुन्देलखण्ड की बदहाली पर, अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा

लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने फर्जी एनकाउण्टर में निर्मम हत्या के शिकार हुये पुष्पेन्द्र

यादव की बातकर बुन्देलखण्ड की बदहाली पर योगी सरकार को घेरा है।

अखिलेश यादव ने कहा है कि झांसी के नौजवान पुष्पेन्द्र यादव की फर्जी एनकाउण्टर में निर्मम हत्या पर पुलिस और सरकार का रवैया पूरी

तरह संवेदनहीन बना हुआ है। तीन महीने पहले ही उसका विवाह हुआ था। उसकी पत्नी बेहाल है, उसके भविष्य पर अंधेरा है।

पुष्पेन्द्र की दादी की मौत दो दिन पहले सदमें में हो गई। पूरा परिवार गहन शोक के साथ दहशत में भी है। उसे आज तक न्याय नहीं मिला है।

क्षेत्र की जनता में भी भारी आक्रोश है। आखिर भाजपा सरकार कब तक सच्चाई पर पर्दा डाले रहेगी?

राज्य सरकार इस जघन्य अपराध पर पर्दा डालने की साजिश में जुटी है जबकि सरकार को माननीय उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से

जांच कराना चाहिए।

उन्होने बताया कि पुष्पेन्द्र यादव की दस दिन पहले 05 अक्टूबर 2019 को हत्या हुई थी।

09 अक्टूबर 2019 को उसके परिवार से मिलने और उन्हें ढांढ़स बंधाने नेशनल हाइवे से 20 किलोमीटर दूर गांव करगुआ खुर्द थाना मोठ एरच

जिला झांसी गया था। नेशनल हाईवे की हालत बहुत खराब है। जगह-जगह गड्ढे हैं पता नहीं भाजपा सरकार ने कहां कौन सी गड््ढ़ा मुक्त

सड़कें बना दी हैं?

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि झांसी दौरे से एक बार फिर बुन्देलखण्ड के जनजीवन की त्रासदी से दोचार होना पड़ा।

बुन्देलखण्ड सहित पूरे प्रदेश में बारिश के कारण फसलों का भारी नुकसान हुआ है। वहां का किसान बहुत गरीब है। नौजवान बेरोजगार है।

नौकरियों का अकाल है। तिल, दलहन, मोठ की फसले बर्बाद हो गई हैं।

किसानों को फसलों के नुकसान पर मुआवजा सरकार को देना चाहिए जो अभी तक सरकार ने नहीं दिया है।

समाजवादी सरकार में किसानों को फसलों पर सब्सिडी दी गई थी। भाजपा सरकार की नीति वास्तविकता में किसानों के पक्ष में नहीं है।

भाजपा सरकार ने बुन्देलखण्ड की उपेक्षा कर रखी है। बेतवा नदी पर जहां रपटा है, वहां के लिए समाजवादी सरकार ने पुल स्वीकृत किया था।

उस पुल को भाजपा सरकार ने ढाई वर्ष में भी बनाने के लिए कोई काम नहीं किया।

समाजवादी सरकार में चंद्रावल और लखैरी नदियों में अविरल जल प्रवाह होता रहे इसके लिए उक्त नदियों को पुनर्जीवित किया गया था।

समाजवादी सरकार में ही तालाबों के जीर्णोद्वार की दिशा में काफी काम किया गया था।

जलपुरूष श्री राजेन्द्र सिंह भी उक्त विकासकार्यों को देखने गये थे। वह भी काम भाजपा सरकार की उपेक्षा का शिकार हो गया।

बुन्देलखण्ड के जनपद महोबा के चरखारी इलाके में ही सात तालाबों का जीर्णोद्वार किया गया था।

वहां के राजपरिवार की महारानी ने बताया कि सौ वर्ष के बाद पहली बार इन तालाबों का जीर्णोद्वार समाजवादी सरकार ने किया है।

समाजवादी सरकार में सौर ऊर्जा के प्लांट लगे थे। जनसामान्य को राहत पहुंचाने वाली कई योजनाएं शुरू की गई थी।

भाजपा ने वादे तो बहुत किए परन्तु उन्हें जमीन पर उतरते किसी ने देखा नहीं।

भाजपा की राज्य सरकार ने अपनी अकर्मण्यता से बहुत निराश किया है। यह लोकतंत्र के साथ धोखा है।