गठबंधन को लेकर अखिलेश यादव ने खोले पत्ते, प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर दिया ये जवाब ?
August 8, 2018
लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव मे गठबंधन को लेकर पत्ते खोल दियें हैं। उन्होने प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर भी अपना नजरिया स्पष्ट कर दिया है ? यह बात उन्होने आज एक टीवी चैनल से साक्षात्कार में कही।
अखिलेश यादव ने कहा कि देश अब नया प्रधानमंत्री चाहता है गठबंधन की बातें चल रही हैं। जब विपक्ष की सीटें बड़ी संख्या में आएंगी तभी तय होगा कि कौन प्रधानमंत्री बनेगा! इसमें यूपी की मुख्य भूमिका होगी। क्योंकि दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर ही जाता है। फिलहाल उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी बहुजन समाज पार्टी तथा रालोद मिलकर लडे़ंगे। लोकतंत्र में सभी चाहते हैं कि गठबंधन हों कांग्रेस से दोस्ती है उसे छोडे़ंगे नहीं। उत्तर प्रदेश में काफी सीटे हैं इसलिए सीट बंटवारे में सभी संतुष्ट रहेंगे। इससे तकलीफ सिर्फ भाजपा को है।
उन्होने कहा कि भाजपा सरकार से जनता नाराज है। वह बदलाव चाहती है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सन् 2019 में लड़ाई भाजपा को हराने की है। उसने जो चुनावी वादे किए थे उन्हें पूरा नहीं किया। अपने चुनाव घोषणापत्र में उसने स्मार्टसिटी बनाने का वादा किया था। गाजियाबाद को देखिए वहां बरसात में कई वाहन बह गए, वहां जनधन की भारी क्षति हुई। मेट्रो के विस्तार को रोक दिया गया है। नौकरियां और रोजगार देने का वादा था उस क्षेत्र में कुछ नहीं हुआ। बुलेट ट्रेन कहां चली। डिजिटल इण्डिया का नमूना यह है कि गूगल का सहारा लेने पर एक परिवार कार सर्विस लेन में ले जाने से चोटिल हो गए। वहां देखभाल भाजपा सरकार को करना है जो टोलटैक्स वसूल रहे है।
इस सरकार से देशवासियों विशेषकर किसानों को क्या मिला? गन्ना किसानों का 12 हजार करोड़ बकाया है। आलू किसान को कुछ नहीं मिला। किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिला। नाराज किसान कई जगह धरना दे रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि दिक्कत यह है कि प्रधानमंत्री जी को जो पसंद है मुख्यमंत्री जी उसके विरोध में हो जाते हैं। लखनऊ में दशहरी आम की प्रधानमंत्री ने प्रशंसा की मुख्यमंत्री जी ने आममण्डी का काम रूकवा दिया।
कन्नौज में इत्र की खुशबू प्रधानमंत्री को पसंद आई तो उससे सम्बन्धित योजना रोक दी गई। समाजवादी सरकार जो मंडियां बना रहे थे। उन्हें भी भाजपा ने रोक दिया। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर को नहीं जोड़ा जा रहा है। लखनऊ -आगरा एक्सप्रेस-वे पर तो हवाई जहाज तक उतर गया। भाजपा सरकार में उत्तर प्रदेश में कोई निवेश नहीं आया। भाजपा ने खुद कुछ नहीं किया सिर्फ समाजवादी सरकार के शिलान्यास का शिलान्यास तथा उद्घाटन का उद्घाटन करने में लगे हैं।
उन्होंने कहा कि गोरखपुर मण्डल के देवरिया में जो शर्मनाक घटना घटी उसकी गहरी जांच होनी चाहिए कि उसके पीछे कौन है। जो संचालक थे वे सरकारी कार्यक्रमों में कैसे शामिल होते थे। मुख्यमंत्री जी हर महीने गोरखपुर जाते थे उन्हें पड़ोस के देवरिया की घटना की जानकारी नहीं हुई। जेल में हत्या हो गई उन्हें पता नहीं चला। अखिलेश यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में 230 सीटों पर लड़ने की बात की है पर वहां गठबंधन बना तो ठीक रहेगा। उत्तर प्रदेश में उन्हें बसपा पर भरोसा हैं कि वे साम्प्रदायिक ताकतों को हराने में साथ होंगी। दलितो पर बहुत अत्याचार हो रहा है। उनके नेताओं पर गंभीर मुकदमें लगे हैं। कई जेल में है। भाजपा अन्याय कर रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा नेता राज्यों का चुनाव दौरा कर रहे है। वे हमें बता दें कि कब चुनाव कराएंगे तो हम भी तैयारी कर लें। लेकिन अभी से अपने संसाधन को व्यर्थ खर्च नहीं करेंगे क्योंकि हमारे सीमित संसाधन है। जनता के बीच भाजपा बहकाने के लिए गठबंधन में नेतृत्व जैसी बात करेगी। सवाल है कि सत्ता तो भाजपा की जानी है। जनता के लिए कुछ नहीं किया है। जनता ईवीएम के बजाय बैलट पेपर पर जोर से ठप्पे मारकर अपना गुस्सा उतारेगी।