अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों पर लगायी ये रोक
July 9, 2019
नयी दिल्ली, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों सीधे ग्राहकों को सामान बेचने वाली एमवे, मोदीकेयर और ओरिफ्लेम जैसी कंपनियों के सौंदर्य एवं स्वास्थ्य उत्पादों को बिना उनके मंजूरी के अपने ई-वाणिज्य मंच के जरिए बेचने से रोक दिया है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने यह अंतरिम निर्देश डायरेक्ट सेलिंग कारोबार करने वाली इन तीनों कंपनियों की याचिकाओं पर दिया। इन कंपनियों ने आरोप था कि उनके ब्रांडों के उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सस्ती दरों पर पेश किया जा रहा है, इससे उनको नुकसान हो रहा है। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि उनके माल के साथ छेड़छाड़ या जालसाजी भी की जा सकती है। अदालत ने माना कि स्थानीय आयुक्तों की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, उत्पादों की शर्तों में बदलाव किया गया था।
अधिकारियों ने ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के गोदामों का निरीक्षण किया था, जिनमें 1MG और हेल्थकार्ट भी शामिल थे। इसके अलावा, नाम, कोड और आंतरिक मुहरों के साथ भी छेड़छाड़ की गई थी और एक्सपायर्ड उत्पादों (इस्तेमाल की अवधि समाप्त होना) पर नई विनिर्माण तिथियां छापी गयी थीं। न्यायालय ने एक कहावत- ज्यादा शक्ति के साथ जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है- का हवाला देते हुए कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों पर अनुबंध की शुचिता को बनाए रखने का दायित्व है और उन्हें इसके उल्लंघन को प्रोत्साहित या प्रेरित नहीं करना चाहिए।
अदालत में अपने आदेश में कहा कि जिस तरह से एमवे, मोदी केयर और ओरिफ्लेम्स के लोगो, कंपनी का नाम और उत्पाद की तस्वीरों का उपयोग किया जा रहा था वह स्पष्ट रूप से उपभोक्ताओं को भ्रमित करता है। इसमें विक्रेताओं का नाम पूरी तरह से नहीं दिया गया था। न्यायालय ने कहा कि तथ्य “प्रथम दृष्टया स्पष्ट रूप से दिखाता है कि याचिकाकर्ताओं की यह आशंका की उत्पादों के साथ छेड़छाड़, शर्तों में बदलाव किया जा सकता है, यह पूरी तरह से वैध है।” अदालत ने निर्देश दिया है कि केवल उन विक्रेताओं को जिन्होंने एमवे, ओरिफ्लेम और मोदीकेयर के उत्पादों को बेचने के लिए उनसे सहमति ली है, उन्हें ही अपने उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेचने की अनुमति दी जाए।