नई दिल्ली, मुंबई के गोरेगांव के अमोल यादव पेशे से कमर्शियल पायलट हैं। 19 साल तक चले लंबे संघर्ष के बाद उनके खुद के बनाए छह सीटों वाले देसी विमान को दो दिन पहले नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने उड़ाने की अनुमति दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलावे पर वे दिल्ली पहुंचे और उनसे मुलाकात की। उन्होंने अमोल के प्रयास को सराहते हुए पूछा- अब आपका सपना तो पूरा हुआ। इस पर अमोल ने कहा- ‘सिर्फ मेरा ही नहीं बल्कि मेरे पूरे परिवार का सपना साकार हुआ है।’
पीएम ने कहा कि अमोल की कहानी उन लाखो युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो देश निर्माण में कुछ करना चाहते हैं। स्वदेशी एयरक्राफ्ट का नर्माण उनके धैर्य और दृढ़संकल्प की कहानी है। यह मेक इन इंडिया का शानदार उदाहरण भी है क्योंकि उन्होंने इसे बनाने में अपनी आवासीय इमारत की छत पर पड़ी चीजों का इस्तेमाल किया है।
अमोल को 2011 से नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से विमान को अनुमति मिलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके बारे में पता चलने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे पीएम मोदी के संज्ञान में लाया। जिन्होंने डीजीसीए को जल्द से जल्द युवा पायलट को अनुमति देने का निर्देश दिया। तीन दिन पहले ही कैप्टन अमोल को इस विमान को उड़ाने की मंजूरी मिली है। पीएम से मुलाकात के बाद अमोल ने प्रधानमंत्री को उनके सपना पूरा करने में मदद करने के लिए आभार जताया।