बुडापेस्ट (हंगरी), 19 अक्टूबर (भाषा) एशियाई खेलों के स्वर्ण पदकधारी बजरंग पूनिया शनिवार को यहां शुरू होने वाली विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में 30 सदस्यीय भारतीय टीम की अगुवाई करेंगे। चैम्पियनशिप में पूनिया (65 किग्रा वर्ग) भारत के पदक के प्रबल दावेदार होंगे जो 2013 विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत चुके हैं।
पिछले महीने प्रतिष्ठित खेल रत्न पुरस्कार के लिये उनकी अनदेखी की गयी थी लेकिन उन्होंने इस भुलाकर कड़ी ट्रेनिंग की और अब वह 2013 के पदक का रंग बदलने की कोशिश में हैं।राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में उन्होंने जितनी आसानी से स्वर्ण पदक जीता, उसे देखते हुए वह प्रबल दावेदारों में से एक होंगे। इस चैम्पियनशिप में वरीयता हासिल करने वाले वह एकमात्र भारतीय पहलवान हैं। वह रविवार को दूसरे दिन मैट पर उतरेंगे।
उनके 65 किग्रा वर्ग में रूस के इलिया बेकबुलातोव (2018 यूरोपीय चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता) ने हटने का फैसला किया है तो तुर्की के शीर्ष वरीय सेलाहट्टिन किलिचसालायान के प्रदर्शन पर भी सभी निगाहें लगी होंगी। बजरंग ने कहा, ‘‘पिछले दो हफ्तों से हम काफी अच्छी ट्रेनिंग कर रहे हैं। हमने साथ ही प्रतिद्वंद्वी पहलवानों को भी तैयारी करते देखा और मुझे पूरा भरोसा है कि हम मैट पर उनसे कमतर नहीं होंगे।
विनेश फोगाट (50 किग्रा) महिला वर्ग में प्रबल दावेदार हो सकती थीं लेकिन कोहनी की चोट से वह इसमें नहीं खेल पायेंगी। उनकी चचेरी बहन रितु फोगाट भारतीय चुनौती पेश करेंगी। यह भी देखना होगा कि ओलंपिक कांस्य पदकधारी साक्षी मलिक यहां कैसा प्रदर्शन करती हैं जो पिछले कुछ समय से फार्म से जूझ रही हैं।
कल चार पुरूष फ्रीस्टाइल वर्गों में बाउट शुरू होंगी जिसमें भारत के जितेंदर अपना दमखम दिखाएंगे। उन्हें फार्म से जूझ रहे सुशील कुमार के हटने के बाद 74 किग्रा वर्ग में शामिल किया गया है। उनके अलावा सोन्बा तनाजी गोंगाने (61 किग्रा), पवन कुमार (86 किग्रा) और सुमित (125 किग्रा) भी कल अपने मुकाबले खेलेंगे। भारत के लिये सुशील कुमार ही एकमात्र पहलवान हैं जो विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीत पाये हैं। भारत ने इसमें अब तक केवल सात ही पदक जीते हैं।