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यूपी पुलिस का बड़ा कारनामा, कोतवाल दरोगा समेत 12 पुलिसकर्मी पर लूट का मुकदमा

लखनऊ , उत्तर प्रदेश में बदायूं के विशेष न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र) शक्तिपुत्र तोमर ने तत्कालीन कोतवाल एवं एक दरोगा समेत 12 पुलिसकर्मियों पर लूट का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।

आरोपित इंस्पेक्टर ओमकार सिंह घटना के समय सदर कोतवाली में तैनात थे। इस वक्त वह उझानी थाने में हैं। वादी पक्ष के अधिवक्ता विवेक शर्मा ने आज कहा कि बदायूँ सदर कोतवाली के मोहल्ला नाहर खां सराय निवासी उस्मान गदी की पत्नी मुरादन ने न्यायालय में धारा 156(3) के तहत मुकदमा दर्ज किए जाने की अर्जी दी थी। जिसमें कहा गया कि उनके पति गद्दी फेडरेशन उत्तर प्रदेश के कोषाध्यक्ष है। पूर्व में वह भाजपा कार्यकर्ता थे बाद में सपा में शामिल हो गए। जिसके बाद से राजनीतिक विरोधियों की शह पर पुलिस परिवार को परेशान करने लगी।

पिछले साल 20 अप्रैल को रात आठ बजे सदर कोतवाली के तत्कालीन इंस्पेक्टर ओमकार सिंह, दारोगा राजेंद्र सिंह व 10 सिपाही उनके घर में घुस आए और कहा कि तलाशी लेनी है। चूंकि उस वक्त रादन के पति घर में नहीं थे इसलिए उसने पुलिस से कहा कि महिला सिपाही लेकर आएं तब घर की तलाशी ले सकेंगे। इससे गुस्साए इंस्पेक्टर ने उनका हाथ पकड़कर धक्का दिया। जबरन कमरे में घुसे और अलमारी में रखें 40 हजार रुपये , बहन की शादी में देने को रखी सोने की अंगूठी, चेन और पायल लूटकर ले गए । विरोध करने पर सरकारी रिवाल्वर दिखा कर धमकी दी कि ज्यादा बोली तो जान से मार देंगे।

प्रार्थिनी ने इस बाबत एसएसपी बदायूं को शिकायती पत्र सौंपा किन्तु कार्यवाही नहीं हुई तो कोर्ट में अर्जी दाखिल की। गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई करने के पश्चात विशेष न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित) शक्तिपुत्र तोमर ने आदेश दिया कि प्रार्थिनी मुरादन ओर से प्रस्तुत प्रार्थना-पत्र अंतर्गत धारा-१५६ (३) दण्ड प्रक्रिया संहिता स्वीकार किया जाता है तथा संबंधित प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली बदायूँ जिला बदायूँ को आदेशित किया जाता है कि वह उक्त प्रकरण में वर्णित तथ्यों के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर नियमानुसार विवेचना कराया जाना सुनिश्चित करें। विशेष न्यायाधीश ने सदर कोतवाल को आदेशित किया कि वह घटना की रिपोर्ट प्रार्थना पत्र में दिए तथ्यों के आधार पर दर्ज कर विवेचना कर कोर्ट को अवगत कराएं।