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युद्धग्रस्त क्षेत्र की रिपोर्टिंग से ज्यादा खतरा, राजनीतिक रिपोर्टिंग मे-सीपीजे

मुंबई,  अमेरिका स्थित मीडिया निगरानी संस्था सीपीजे ने मुंबई प्रेस क्लब तथा महाराष्ट्र में पत्रकारों की अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर मीडियाकर्मियों के लिये एक सुरक्षा किट पेश की है।

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अमेरिका स्थिति कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (सीपीजे) ने कहा कि यह सुरक्षा किट एक पुस्तिका के रूप में है, जिसे उनके सुरक्षा विशेषज्ञों ने समूचे विश्व में पत्रकारों पर बढ़ते खतरे को ध्यान में रखकर तैयार किया है। पुस्तिका में डिजिटल, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक सुरक्षा के पहलुओं पर विचार साझा किए गए हैं और कार्य के दौरान पत्रकारों के सामने आने वाले मुद्दों को लेकर समाधान सुझाया गया है।

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सीपीजे के न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में भारत के लिये संवाददाता कुणाल मजूमदार ने कहा कि युद्धग्रस्त क्षेत्र की रिपोर्टिंग करने वाले संवाददाता की बजाय राजनीतिक संवाददाता होना अधिक जोखिम वाला हो गया है। मजूमदार ने कहा कि 2018 में विश्व भर में 54 पत्रकार मारे गये और 251 को जेल की सजा सुनायी गयी । इनमें से भारत में पांच पत्रकारों की मौत हुई और एक को जेल हुई। उन्होंने कहा, ‘‘दुनियाभर में जिन पत्रकारों को निशाना बनाया गया उनमें करीब 88 प्रतिशत स्थानीय पत्रकार थे। उन्हें सबसे ज्यादा खतरा होता है।’’

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