महीनों लग गये दलित संजय को घोड़ी पर चढ़ने मे, आज जायेगी बारात
July 15, 2018
लखनऊ, दलितों की यूपी मे क्या स्थिति है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दलित संजय को घोड़ी पर चढ़कर अपनी बारात निकालने की अनुमति लेने मे महीनों लग गये. कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद आज बारात जायेगी. सवर्णों के विरोध के चलते 20 अप्रैल को संजय-शीतल की शादी नहीं हो सकी थी.
पिछले कई महीनों से बेहद चर्चा में रहा संजय जाटव और शीतल के घोड़ी पर चढ़कर अपनी बारात निकालने के मामले मे आखिर संजय जाटव और शीतल को सफलता मिल गई. कासगंज के निजामपुरा में दलित लड़की शीतल की शादी हाथरस के बसई बाबा गांव के संजय जाटव से हो रही है. संजय आज घोड़ी पर चढ़कर जुलूस के साथ गांव में बारात ला रहा है. हालांकि संजय और शीतल को संगीनों के साए में सात फेरे लेने होंगे.
मानसिक रूप से बीमार लोगों का पुलिस प्रशासन पर खौफ इसलकदर है कि आज कासगंज का निजामपुर इलाका संगीनों के साए में इस शादी का जश्न मनाएगा. संजय और शीतल की शादी शांतिपूर्वक निपटे, इसके लिए प्रशासन की ओर से सुरक्षा में एक प्लाटून PAC और 100 के करीब पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. इसके अलावा SDM, ASP और CO सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों को मॉनिटरिंग करते रहने के लिए कहा गया है.
यह पहला मौका है जब कोई दलित घोड़ी पर चढ़कर जुलूस के साथ गांव में बारात ला रहा है. गांव के ऊंची जाति के लोग दलित की शादी में घोड़ी और जुलूस के विरोध में थे. करीब 6 महीने से ये तनाव जारी था. सवर्णों की धमकी के चलते उनकी शादी में कई बार अड़चनें आईं.
सवर्णों की धमकी को देखते हुए संजय ने स्थानीय पुलिस से संपर्क कर बारात निकालने की अनुमति मांगी थी, लेकिन पुलिस ने अनुमति देने से मना कर दिया था. पुलिस का कहना था वह इलाका सवर्णों का है. ऐसे में दलित के वहां बारात निकाले जाने से वहां हिंसा हो सकती है. संजय अपनी बारात निकालने के इस विवाद को कोर्ट तक लेकर गए.
कोर्ट और आला अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद दोनों पक्षों में समझौता भी हो गया. समझौते के तहत एक नक्शा पास किया गया , जिस रास्ते से बारात होकर गुजरनी थी. इसके अलावा बारात चढ़ाने को लेकर कुछ नियम-शर्तें भी तय की गई , जिन्हें दोनों पक्षों ने मान लिया. प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी के बावजूद दूल्हा और दुल्हन के परिवार वालों को दबंगों का खौफ सता रहा है.