नई दिल्ली, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में एक समान ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के नए नियम को लेकर जानकारी दी है. 1 अक्टूबर 2019 से पूरे देश में ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट एक जैसे होंगे. मतलब साफ है कि अब हर राज्य में अब डीएल और आरसी का कलर एक जैसा ही होगा और उनमें जानकारियां समान जगह पर ही होंगी.
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देश में रोजाना करीब 32,000 डीएल या तो इशू होते हैं या रिन्यू किए जाते हैं. इसी तरह रोजाना करीब 43,000 गाड़ियां रजिस्टर या री-रजिस्टर होती हैं. इस नए डीएल या आरसी में 15-20 रुपये से अधिक का खर्च नहीं होगा. ट्रांसपोर्ट मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक इस बदलाव से ट्रैफिक का जिम्मा संभालने वालों को भी सहूलियत होगी.
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इस फैसले से डीएल और आरसी में जानकारियों को लेकर भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी. अब तक हर राज्य अपनी सुविधा के अनुसार ही डीएल और आरसी का फॉर्मेट तैयार करता है. जिसकी वजह से किसी राज्य में कुछ जानकारियां अगर डीएल के फ्रंट पर हैं तो कुछ राज्यों में वहीं जानकारियां पीछे की ओर होती हैं. लेकिन अब सभी राज्यों में जो भी डीएल या आरसी बनेंगे, उनमें एक जैसी जगह पर ही जानकारी दी जाएंगी. मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक इस बारे में उनके मंत्रालय ने 30 अक्टूबर 2018 को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी करके सभी पक्षों से इस बारे में राय मांगी थी. सभी पक्षों से आने वाले सुझावों के आधार पर अब सरकार ने नया नोटिफिकेशन जारी किया है.
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इन स्मार्ट ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और आरसी में माइक्रोचिप और क्यूआर कोड होंगे जिसके चलते अतीत में किए गए नियम उल्लंघनों को छिपाना लगभग असंभव होगा.
इस क्यूआर कोड के जरिये केंद्रीय ऑनलाइन डेटाबेस से ड्राइवर या वाहन के पिछले रिकॉर्ड को एक डिवाइस के जरिये पढ़ा जा सकेगा.
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ट्रैफिक पुलिस को उनके पास मौजूद डिवाइस में कार्ड डालते ही या क्यूआर कोड को स्कैन करते ही गाड़ी और ड्राइवर की सारी डिटेल मिल जाएंगी.
इस नोटिफिकेशन के मुताबिक सभी राज्यों को एक अक्टूबर से ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पीवीसी आधारित बनाने होंगे या फिर पॉलीकार्बोनेट होंगे.
इनमें चिप भी लगी होगी और जानकारी भी उसी फॉर्मेट में होगी, जिसमें केंद्र सरकार ने नोटिफाई किया है.