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विश्व पुस्तक मेले के पहले दिन ई-जादुई पिटारा का भी लोकार्पण

नई दिल्ली, केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के उद्घाटन सत्र के दौरान ‘राष्ट्रीय ई—पुस्तकालय (नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी)’ का लोकार्पण किया। केंद्रीय बजट 2023—2024 के दौरान घोषित बच्चों और किशारों के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित इस राष्ट्रीय ई—पुस्तकालय में अंग्रेजी सहित अनुसूची 8 में शामिल सभी 22 भाषाओं में फिक्शन, नॉन फिक्शन, विज्ञान और तकनीकी सहित अनेक विषयों पर पुस्तकों के पीडीएफ फॉमेट में ई—संस्करण, ऑडियो बुक्स उपलब्ध हैं।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला पढ़ने के आनंद का अवसर है। हमें गर्व है कि हमारे यहाँ भाषाओं की विविधता है। भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ पर अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं और कई भाषाओं में पाठकों के लिए पुस्तकें उपलब्ध हैं। यहाँ सभी भारतीय भाषाएँ राष्ट्रीय भाषाएँ है। भाषाएँ और पुस्तकें हमारी धरोहर हैं। बहुभाषावाद हमारे राष्ट्र की एक जीवंत परंपरा है और इसको आम जनमानस की चेतना में लाने की दिशा में नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया द्वारा किया गया प्रयास सराहनीय है।

जीवंत परंपरा पर आधारित थीम-

9 दिनों तक आयोजित होने वाले विश्व पुस्तक मेले में बहुभाषी भारत – एक जीवंत परंपरा पर आधारित विशाल थीम पवेलियन तैयार किया गया है जो मुद्रित पुस्तकों, डिजिटल मीडिया और तकनीकी इंस्टॉलेशन के माध्यम से भाषाई अभिव्यक्तियों की विविधता को आकर्षक तरीके से प्रदर्शित करता है।

प्रगति पथ पर अग्रसर-

इस अवसर पर सऊदी अरब के माननीय राजदूत सालेह बिन ईद अल हुसैनी ने अपने संबोधन में भारत और सऊदी अरब के दशकों पुराने रिश्ते पर बात करते हुए कहा कि भारत के अमृत काल और सऊदी के विजन 2030 में काफी समानताएँ हैं जहाँ दोनों ही देश युवाओं और महिलाओं के विकास को ध्यान में रखते हुए प्रगति पथ पर अग्रसर हैं। भारत में सऊदी अरब के साहित्य, संस्कृति और लोकपरंपरा का प्रतिनिधित्व करते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है।

डिजिटल अवतार ई—जादुई पिटारा-

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत फाउंडेशनल लर्निंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार जादुई पिटारा किट के डिजिटल अवतार ई—जादुई पिटारा का भी लोकार्पण विश्व पुस्तक मेले के पहले दिन किया गया। इस जादुई पिटारा में प्रारंभिक शिक्षा का डिजिटल संस्करण है। यह विभिन्न भारतीय भाषाओं में खेल—खेल में सीखने के लिए 3 से 8 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों को प्रेरित करता है। यह ऐप ई-फ्लैश कार्डस, गेम्स, चित्रकथाएँ, ऑडियो-विजुवल शैक्षणिक सामग्री के साथ स्मार्ट फ़ोन, टेलीविज़न, रेडियो जैसे कई सारे डिवाइसेज पर उपलब्ध होगा। शिक्षा मंत्रालय की यह परियोजना प्रारंभिक शिक्षा को विद्यालय के दायरे से बाहर निकाल कर अभिभावकों को बच्चों की शैक्षणिक यात्रा में जोड़ने में सहयोग करेगी।

भारत में भाषाएँ अनेक भाव एक-

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले – 2024 के उद्घाटन सत्र में अपने विचार रखते हुए राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के अध्यक्ष मिलिंद सुधाकर मराठे ने कहा कि ”एकात्मकता ही भारत के मूल में है जो भाषा में, व्यवहार में, कला में, कार्यक्रमों में, त्योहारों में, बोलियों में विविधता के रूप में स्वयं को परिलक्षित करती है। इस पुस्तक मेले की थीम के द्वारा एक एकात्मक भारत का भाव हम इस वर्ष सभी के सम्मुख प्रस्तुत कर रहे हैं।” राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के निदेशक श्री युवराज मलिक ने सभी अतिथियों का धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित करते हुए पुस्तकों के इस महाकुंभ में सभी पुस्तक प्रेमियों का स्वागत किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा, ”भारत में भाषाएँ अनेक हैं, लेकिन उनका भाव एक है।”

उद्घाटन समारोह में शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव श्री संजय कुमार, शिक्षा विभाग (उच्च शिक्षा) के सचिव के. संजय मूर्ति, आईटीपीओ के कार्यकारी निदेशक रजत अग्रवाल भी मौजूद थे। उद्घाटन समारोह में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि, विदेशों से आए प्रतिनिधि, प्रकाशन, लेखक, स्कूल विद्यार्थी एवं पीएम युवा 2.0 के अंतर्गत चयनित युवा लेखकों को भी आमंत्रित किया गया था।

उद्घाटन समारोह के उपरांत सभी विशिष्ट अतिथियों ने बहुभाषी भारत: एक जीवंत परंपरा पर आधारित हॉल नंबर 5 में सजे थीम मंडप का दौरा किया और एनबीटी, इंडिया द्वारा प्रकाशित ‘विजय नायक की स्मरणीय गल्प’ पुस्तक का लोकार्पण किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की मन की बात कार्यक्रम पर आधारित “सामूहिक हित का दीप जले/इग्नाइटिंग कलेक्टिव गुडनेस पुस्तक का १२ भारतीय भाषाओँ में विमोचन किया गया। साथ ही एग्जाम वारियर्स पुस्तक के ब्रेल संस्करण का भी विमोचन किया गया।

समावेशिता को बढ़ाने के उद्देश्य से पुस्तक मेले में नि:शुल्क ब्रेल पुस्तकें देने का भी प्रबंध किया गया है। दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय तथा नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में यूआईडी कार्ड वाले दृष्टिबाधित बच्चो को नि:शुल्क ब्रेल पुस्तकें दी जा रही हैं। जिन दृष्टिबाधित पाठकों के पास यूआईडी कार्ड नहीं है, उनके लिए यूआईडी कार्ड पंजीकरण का भी प्रावधान किया गया है।

मेले के पहले दिन, चामू कृष्ण शास्त्री, अध्यक्ष भारतीय भाषा समिति, प्रोफेसर एन. चंद्रशेखरन, लेखक अग्नि रॉय सहित मशहूर पत्रकार रजत शर्मा, अभिनेत्री अदा शर्मा, ओडिशी नर्तक एवं लेखिका जया मेहता सहित कई मशहूर लेखकों, विचारकों व वक्ताओं ने भाग लिया।
मेले के पहले दिन लोगों की भारी भीड़ देखी गई।

रिपोर्टर-आभा यादव