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हॉकी इंडिया इस तरह से करेंगा लॉकडाउन के समय का उपयोग

बेंगलुरु, हॉकी इंडिया ने लॉकडाउन के समय का उपयोग करने के उद्देश्य से बेंगलुरु के साई सेंटर में सीनियर कर संभावितों के लिये ‘प्रारंभिक’ ऑनलाइन कोचिंग कोर्स आयोजित करने की घोषणा की। हॉकी इंडिया के इस ऑनलाइन सत्र में कुल संभावित 32 सीनियर पुरुष और 23 सीनियर महिला खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।

भारतीय महिला टीम की कप्तान रानी पहले ही हॉकी इंडिया कोचिंग एडुकेशन में हिस्सा ले चुकी हैं और हॉकी इंडिया के लेवल ‘1’ कोच प्रमाण पत्र को प्राप्त कर चुकी हैं।

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने अपने एथलीटों को इस तरह का अवसर प्रदान करने पर खुशी जताते हुए कहा, “हॉकी इंडिया में मौजूद सभी लोगों ने यह सुनिश्चित किया है कि इस कठिन दौर में भी हम बिना किसी व्यवधान के अपने काम करने की नीतियों को और दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को विभिन्न तरीकों से संचालन करने में भी सक्षम होंगे।”

मुश्ताक अहमद ने कहा, “वर्तमान में बेंगलुरु के एसएआई सेंटर में मौजूद हमारे संभावितों को इस पाठ्यक्रम के माध्यम से कोचिंग के समझने का अवसर प्रदान कराना होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि एथलीट कोचिंग की बारीकियों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे और खेल को बेहतर ढंग से समझने के लिए कुछ जरूरी तौर-तरीकों के बारे में ज्ञान अर्जित करेंगे।”

हॉकी इंडिया ‘प्रारंभिक’ स्तर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम बारीकी से डिजाइन किया एक ऐसे प्रशिक्षण प्रोग्राम का हिस्सा है, जिसे हॉकी इंडिया की कोचिंग प्रशिक्षण के रूप में जाना जाता है। यह 2019 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले कोचों को विश्व स्तरीय कोचों बनने में मदद करना है।

हॉकी इंडिया के इस कदम से संभावितों को अपने ऑनलाइन सत्रों की समीक्षा करने के लिए 36 घंटे मिलेंगे जिसके बाद उन्हें ऑनलाइन मूल्यांकन परीक्षा पास करनी होगी। यह ऑनलाइन परीक्षा नये एफआईएच नियमों और विनियमों पर आधारित होगी। पुरुषों की ऑनलाइन मूल्यांकन परीक्षा 11 मई 2020 को आयोजित होगी,वहीं महिलाओं की परीक्षा का आयोजन 15 मई 2020 को होगा।

हॉकी इंडिया का यह ऑनलाइन पाठ्यक्रम उनकी समझ को व्यापक बनाने में मदद करेगा क्योंकि इससे उन्हें एक कोच के दृष्टिकोण से खेल को देखने का मौका मिलेगा। इस पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले संभावित खिलाड़ी भविष्य में हॉकी इंडिया लेवल ‘1’ कोचिंग पाठ्यक्रम में भाग लेने के लिए पात्र होंगे। इससे भविष्य मेें वे न केवल एक एथलीट बल्कि कोच बनने के दावदारों के रूप में जाने जाएंगे।