नई दिल्ली, अपने देशव्यापी सीएसआर अभियान, टेक4ऑल के अंतर्गत, ह्वावे इंडिया भारत में वंचित क्षेत्रों को प्राथमिक हैल्थकेयर एवं डिजिटल शिक्षा प्रदान करने की अपनी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धता की ओर काम कर रहा है। इस पहल में आज ह्वावे इंडिया वॉकहार्ड्ट फाउंडेशन के साथ गठबंधन में दो मोबाईल मेडिकल यूनिट्स को रवाना किया।
अपनी मोबाईल मेडिकल क्लिनिक्स द्वारा 3,25,000 मरीजों और डिजिटल शिक्षा द्वारा 1,50,000 विद्यार्थियों को लाभ पहुँचाने का उद्देश्य
इस कार्यक्रम में बस के अंदर एक पूर्ण रूप से सुसज्जित डिजिटल एजुकेशन सेंटर, डिजिबस का प्रदर्शन किया गया, जिसका उपयोग दूरदराज के इलाकों में सीमित उपलब्धता के साथ रहने वाले लोगों को शिक्षा प्रदान करने के लिए किया जाएगा। डिजिबस अभियान के साझेदार प्रधानमंत्री के अंत्योदय कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं और देश के ग्रामीण इलाकों में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।
इस कार्यक्रम में वित्त के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री, भारत सरकार डॉ. भगवत किशनराव करड के साथ डॉ. हुजैफा खोरकीवाला, सीईओ – वॉकहार्ड्ट फाउंडेशन; मिस चारु कपूर, सीओओ, एनआईआईटी फाउंडेशन और श्री हर्ष खुराना, चीफ – रैगुलेटरी, कॉर्पोरेट मामले एवं संचार विभाग, ह्वावे इंडिया शामिल हुए। इस अभियान में अनुबंध की अवधि में 13 मोबाईल मेडिकल यूनिट्स द्वारा लगभग 3,25,000 मरीजों और 4 डिजिबसों द्वारा 1,50,000 विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। ये वाहन दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के छोटे शहरों व स्थानों में चलाए जाएंगे।
फ्लैग-ऑफ के अवसर पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री, भारत सरकार, डॉ. भगवत किशनराव करड ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य सेवा एवं शिक्षा हमारे समाज के मजबूत स्तंभ हैं, जिन्हें एक मजबूत डिजिटल इंडिया का निर्माण करने के लिए लगातार मजबूत किया जाना चाहिए। हमारे विविधतापूर्ण और विशाल देश में एक प्रतिभागितापूर्ण दृष्टिकोण जरूरी है,जिसमें सरकार से लेकर कॉर्पोरेट सेक्टर और नागरिक समाज तक हर किसी की भूमिका हो, और सभी लोग एक उद्देश्य की ओर काम करें। मेरा विश्वास है कि हमारे सामूहिक प्रयास हमें और ज्यादा अवसरों का सृजन करने में मदद करेंगे जिससे वंचितों को समाज में समानता के साथ उन अवसरों का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।’’
वॉकहार्ड्ट-ह्वावे मोबाईल मेडिकल क्लिनिक्स का संचालन एक टीम करेगी, जिसमें एक डॉक्टर, एक फार्मेसिस्ट, और एक ड्राईवर होगा, और ये जिन स्थानों पर पहुँचेंगे, वहाँ स्थानीय नागरिकों के लिए निशुल्क ओपीडी/स्वास्थ्य जाँच प्रदान करेंगे। वाहनों की नियमित निगरानी के लिए वैन में जीपीएस सिस्टम लगा होगा, जिसकी मदद से अधिकारी नियमित आधार पर वैन की प्रगति का निरीक्षण कर सकेंगे।
हरेक एनआईआईटी फाउंडेशन-ह्वावे 5जी इनेबल्ड डिजि बस में रिमोट टीचर/प्रेज़ेंटर इंटरैक्शन के लिए 20 डेस्कटॉप और 30 मोबाईल, इनडोर और आउटडोर डिजिटल स्क्रीन, 5जी इनेबल्ड नेटवर्क होंगे। ये वाहन देश के दूरदराज के और ग्रामीण इलाकों में युवाओं, महिलाओं और वंचितों को डिजिटल जागरुकता, शिक्षा, और कौशल प्रदान करेंगे। डिजि बस में अत्याधुनिक टेक्नॉलॉजी जैसे 5जी संचार, इमर्सिव और वर्चुअल सहयोग, कंटेंट मैनेजमेंट, सिक्योरिटी एवं एज़ एआई का उपयोग किया गया है ताकि ग्रामीण समुदायों को निरंतर विश्वस्तरीय शिक्षा सुविधाएं मिलती रहें। इन वाहनों में ई-लर्निंग और रिमोट क्लासरूम्स के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं और कैटालोग हैं, जिनकी मदद से स्थानीय सुपरवाईज़र विद्यार्थियों को वित्तीय साक्षरता, बेसिक आईटी, डिजिटल साक्षरता, स्टेम, वीडियो आधारित शिक्षा आदि अनेक कोर्स कराने के लिए अस्थायी डिजिटल स्कूल के रूप में इनका उपयोग करता है।
ह्वावे टेलेकम्युनिकेशन्स (इंडिया) कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के वाईस प्रेसिडेंट, श्री आकाश माथुर ने कहा, ‘‘विश्व को बेहतर बनाने के लिए लोगों को कनेक्ट करने के ह्वावे के फोकस के अनुरूप एक दीर्घकालिक विज़न जरूरी है। हमारा मानना है कि अच्छा स्वास्थ्य और शिक्षा हर जगह के और हर नागरिक का अधिकार हैं। आज शुरू किए गए इस अभियान द्वारा हमारा उद्देश्य शिक्षा को सभी तक पहुँचाना है। लागत, इंटरनेट की उपलब्धता, और जानकारी की कमी के कारण महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए डिजिटल सुविधाओं का विस्तार भारत की एक बड़ी समस्या है। देश के अंतिम छोर तक डिजिटल कनेक्शन स्थापित करने के प्रयास निरंतर जारी हैं। हमारा मानना है कि इस तरह के अभियान विकास की ओर बढ़ने के लिए आधार तैयार करेंगे।’’
ह्वावे सामाजिक और सामुदायिक कल्याण के लिए सालों से विभिन्न एनजीओ के साथ साझेदारी करता आ रहा है। स्कूलों में स्वच्छता और डिजिटल सुविधाएं स्थापित करना, मुख्य संस्थानों में शोध परियोजनाओं को फंड देना, कोविड राहत कार्यक्रम में सहयोग करना, और आपदा राहत फंड में योगदान देना इसके मुख्य प्रयासों में शामिल हैं। इनके अलावा, ह्वावे ने भारत में अपने सीएसआर कार्यक्रमों के तहत 94 स्कूलों में स्वच्छता सुविधाओं के निर्माण में योगदान दिया है, 50 से ज्यादा सरकारी एवं मान्यताप्राप्त विद्यालयों में 55,000 से ज्यादा विद्यार्थियों के लिए मिड-डे मील का वित्तपोषण किया है, और 101 स्कूलों में डिजिटल/स्मार्ट क्लासरूम्स बनाए हैं, जिससे उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में लगभग 40,000 विद्यार्थियों को लाभ मिला है। ह्वावे ने किसानों को कृषि के लिए आईओटी समाधान प्रदान करने के लिए महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में हैल्थकेयर एकेडमी की स्थापना और बिहार एवं उत्तर प्रदेश में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना के लिए औद्योगिक हितधारकों के सीएसआर फाउंडेशंस के साथ भी साझेदारी की है।
रिपोर्टर-आभा यादव