नई दिल्ली, अब ऑनलाइन पेमेंट करने वाले सर्तक हो जाए क्योंकि आप जिस डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए ऑनलाइन पेमेंट करते है अब उस सिस्टम पर खतरा मंडरा रहा है.
इसके पीछे मुख्य वजह आरबीआई का वो आदेश है, जिसमें कहा गया है कि विदेशी कंपनियां 15 अक्टूबर तक भारत के ग्राहकों का डेटा सिर्फ भारत में स्टोर करना शुरू कर दें. हालांकि, इस मामले को लेकर कंपनियों ने वित्त मंत्री से मुलाकात कर रियायत की मांग की है. विदेशी कंपनियों के दूसरे गेटवे भी बंद होने का खतरा बढ़ जायेगा, जिसके चलते कंपनियों ने रिजर्व बैंक से भी की थी रियायत की मांग की है. आर्थिक मामलों के सचिव ने आरबीआई को चिट्ठी लिखी थी, लेकिन आरबीआई की तरफ से कंपनियों को छूट नहीं मिली है.
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वीजा, मास्टरकार्ड, गूगल के प्रतिनिधि वित्त मंत्री से मुलाकात कर डेटा स्टोर के लिए और वक्त मांगा है. डेटा स्टोर करने के लिए आरबीआई ने 15 अक्टूबर तक का वक्त दिया है, लेकिन कंपनियां 15 अक्टूबर से डेटा स्टोर करने में सक्षम नहीं है.कंपनियों की दलील है कि डेटा स्टोर करने में करीब 2 साल का वक्त लगेगा. कंपनियों को केवल डेटा स्टोर के बजाय कॉपी रखने की भी छूट की मांग की है. वित्त मंत्रालय डेटा की कॉपी रखने की छूट के पक्ष में है.
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आपको बता दें कि देश में ज्यादातर डेबिट और क्रेडिट कार्ड वीजा, मास्टरकार्ड के इस्तेमाल होते हैं. ऐसे में अगर डेटा स्टोर को लेकर बात नहीं बनी तो ऑनलाइन पेमेंट करने में परेशानियां आ सकती है. लिहाजा डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट नहीं हो पाएगा.