भारत को सांस्कृतिक पुनर्जागरण की आवश्यकता: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू

नयी दिल्ली, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि आज भारत को सांस्कृतिक पुनर्जागरण की आवश्यकता है जिसमें नया साहित्य और नई कलाएं भारतीय भाषाओं में ही अभिव्यक्ति पा सकें।

श्री नायडू ने 74वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर लिखे एक लेख में कहा, “ आज जब देश आगे बढ़ रहा हैं और अपने 130 करोड़ नागरिकों के अदम्य संकल्प और ऊर्जा से एक नए भारत का निर्माण हो रहा है, हमें विश्वास कि हम अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त सकेंगे तथा संसदीय लोकतंत्र का एक आदर्श स्थापित कर सकेंगे लेकिन विकास की और समृद्धि की नई ऊंचाइयां प्राप्त करने के लिए देश के हर क्षेत्र में काम कर रहे हर नागरिक को, सार्वजनिक जीवन में काम कर रहे हर जनसेवक को यथा क्षमता अपना कर्तव्य निभाना होगा।”

उन्होंने कहा कि विगत पांच वर्षों में देश में तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ है और सामाजिक सुरक्षा के तन्त्र को सुदृढ़ किया गया है। आज भारत में कोई भी गांव ऐसा नहीं है जहां विद्युतीकरण न हुआ हो और खुले में शौच से मुक्त घोषित न किया गया हो। देश में विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों को फिर नए सिरे से शुरू किया गया है विशेषकर कृषि के क्षेत्र में। हाल में ही सरकार ने बहुप्रतीक्षित कर सुधारों की घोषणा की है जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और मनमाने निर्णय लेने के अधिकार पर रोक लगेगी तथा ईमानदार करदाताओं को सम्मानित किया जायेगा।