नयी दिल्ली, राजधानी में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए भविष्य में जो भी नए औद्योगिक क्षेत्र बनेंगे केवल उच्च प्रौद्योगिकी और सेवा क्षेत्र के उद्योग लगाने की ही मंजूरी दी जायेगी और किसी नई विनिर्माण इकाई को खोलने की इजाजत नहीं मिलेगी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को वीडियो काफ्रेंसिग से मीडिया को संबोधित करते हुए यह एलान किया।
श्री केजरीवाल ने कहा कि यह फैसला दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए लिया गया है । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में अब किसी नए विनिर्माण उद्योग को खोलने की इजाजत नहीं मिलेगी।नये औधोगिक क्षेत्र में सिर्फ सूचना प्रौद्योगिकी ,मीडिया, कॉल सेंटर, एच आर सेवा, बीपीओ, टीवी वीडियो उत्पादन, वकालत ,सीए, आर्किटेक्ट, मार्किट रिसर्च, प्लेसमेन्ट एजेंसी आदि को ही इजाज़त मिलेगी ।
श्री केजरीवाल ने बताया कि अभी तक यह सभी कार्यालय श्रेणी में आते थे और केवल वाणिज्यक क्षेत्र में खोले जा सकते थे।वाणिज्यिक क्षेत्र में जमीन की कीमत बहुत अधिक थी जिसकी वजह से उन क्षेत्रों में इस श्रेणी के कार्यालय खोले नहीं जा सकते थे। इस कारण अधिक कार्यालय गुडगांव,नोएडा और फरीदाबाद में खुल रहे थे। सरकार के इस फैसले से सस्ती दर पर औद्योगिक क्षेत्रों में इस तरह के कार्यालय भविष्य में खोले जा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राजधानी में प्रदूषण करने वाले उद्योग नहीं खोले जायेंगे और औद्योगिक क्षेत्र साफ-सुथरे और हरे-भरे बनेंगे।
उन्होंने कहा ,” तीन-चार साल पहले हमने यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा था और पिछले तीन चार महीने से हरदीप पुरी साहब के साथ लगातार संपर्क में था । प्रस्ताव पर निजी तौर पर मैं हरदीप पुरी साहब का शुक्रिया करना चाहता हूं की यह ऐतिहासिक कदम दिल्ली के हित में उठाया और आने वाले समय में प्रदूषण के समाधन के लिए और राजधानी को साफ सुथरा बनाने के लिए यह कदम बहुत निर्णायक कदम साबित होगा।”
श्री केजरीवाल ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि केंद्र ने नए औद्योगिक इलाकों को लेकर दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
गौरतलब है कि राजधानी में पिछले काफी दिनों से प्रदूषण का स्तर बेहद खराब श्रेणी में