प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक को मंजूरी दी गयी। इस फैसले से किन्नर समुदाय में प्रसन्नता की लहर दौड़ गयी है। द्रमुक के तिरुची शिव ने राज्यसभा में किन्नरों के अधिकारों की रक्षा के लिए गत वर्ष एक निजी विधेयक पेश किया था जिसे सदन ने पारित कर दिया था। लेकिन लोकसभा में यह पारित नहीं हुआ था पर सरकार ने आश्वासन दिया था कि वह उनके लिए विधेयक लायेगी।
यह विधेयक संसद के वर्तमान सत्र में ही लाया जायेगा। इस से किन्नरों का सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण होगा और समाज को समावेशी बनाया जायेगा और किन्नर समाज की मुख्यधारा में आयेंगे तथा राष्ट्रनिर्माण में उनकी भूमिका भी होगी। किन्नर समुदाय वर्षों से सरकार से अपने लिए एक विशेष कानून बनाने की मांग कर रहा था और अपने अधिकारों को संरक्षित करने के लिए सरकार से कदम उठाने का अनुरोध करता रहा था। मोदी सरकार ने उनकी उपेक्षा और अलगाव को देखते हुए यह ऐतिहासिक विधेयक लायी है।