लखनऊ, शीरोज यानि महिला हीरोज और हैंगआउट यानि अड्डा मतलब महिला हीरोज का अड्डा। जी हां यूपी की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर में स्थित शीरोज कैफे , हमारे समाज की महिला हीरोज का अड्डा है। जिसके बारे में बहुत कुछ ऐसी बातें हैं जो आपको शायद अभी तक नहीं पता होंगी।
शीरोज कैफे की शुरुआत 2014 में हुई। आगरा में स्थित पहला कैफे 2014 में नई दिल्ली स्थित एक गैर-लाभकारी कंपनी स्टॉप एसिड अटैक सरवाईवर द्वारा खोला गया था। इनकी संस्था का नाम छाव फाउंडेशन है। लखनऊ में स्थित दूसरा कैफे 2016 में शीरोज हैंगआउट के नाम से खोला गया था।
शीरोज हैंगआउट, एसिड का शिकार हुईं महिलाओं को ही नहीं यहां आने वाले लोगों को भी सकारात्मक ऊर्जा देती हैं। इस कैफे में अलग-अलग शहर से आई एसिड अटैक की शिकार लड़कियांँ काम करती है।हमने वहां की एक वर्कर गरिमा जी से बात की, उन्होंने इस कैफे के बारें में और अपने बारे में बताया कि “कैफे में काम करने से पहले, शीरोज़ की कई महिलाएँ एकान्त जीवन जीती थीं। वे शर्म और आघात की भावनाओं से जूझ रही थी। लगभग आधी महिलाओं पर रिश्तेदारों द्वारा हमला किया गया था यानि की इन पर उन लोगों ने हमला किया था जिन्हें वे जानतीं थीं। अधिकांश पर, शादी के प्रस्तावों को खारिज करने के बाद उन पर हमला किया गया था। हमलों के बाद, कुछ महिलाएं शायद ही कभी बाहर गई थीं, क्योंकि उनके शारीरिक रूप से शर्म के कारण बाहर नहीं जा पाती थी। कुछ महिलाओं ने कई सर्जरी को सहन किया, और वे अक्सर रोजगार खोजने के लिए संघर्ष करती थीं। इसके अलावा, कभी-कभी वे अपने हमलों पर चुप रहने के दबाव को दूर करने के लिये अपने परिवार के या समाज के दबाव से निपटतीं हैं।”
देखा गया है कि यह घटना 12-20 उम्र की युवाओं की साथ ही होता है। जब उनकी विकास योजनाओं का निर्माण हो रहा होता है। जब लड़की सपना देखना शुरु करती है तभी उनके सपने पर एसिड फेंक दिया जाता है। मनोबल टूट जाता है अपने सपने के प्रति, वे अपने आपको विकलांग की तरह महसूस करने लगती है जैंसे लगता है मानो उनकी दुनिया खत्म हो गई हो।
इन कारणों से, शीरोज़ हैंगआउट ने एसिड अटैक की शिकार महिलाओं को आय के साधन शुरू करने का बड़ा अवसर दिया। इस केैफे में 15-16 लड़कियाँ काम करती हैं जो सैलरी बेसिस पर है। उन्होंने बताया कि इस कैफे ने हमारी जिन्दगी बदल दी। कुछ महिलाएं अब अपने परिवारों में प्राथमिक कमाने वाली हैं।
कैफे को रंगीन प्रकार के विभिन्न चित्रों से सजाया गया है, और ग्राहकों के लिए बुकशेल्फ पर पढ़ने के लिए किताबें हैं। लोग कॉफी पीते-पीते बुक को पढ़कर आनंद ले सकते है।