मुंबई, देश की आर्थिक राजधानी में सट्टे के अवैध कारोबार से जुड़े और ‘मटका किंग’ के नाम से कुख्यात रतन खत्री का शनिवार को निधन हो गया। परिवार के सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि 88 वर्षीय खत्री मध्य मुंबई क्षेत्र की नवजीवन सोसायटी में रहता था और कुछ दिनों से बीमार था। उन्होंने अपने घर में अंतिम सांस ली।
सिंधी परिवार से आने वाला खत्री 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान के कराची से मुंबई आ गया था।
खत्री ने मुंबई में खेले जाने वाले मटका (एक तरह का जुआ जोकि मुंबई में वर्ष 1962 में शुरू हुआ) को राष्ट्रीय स्तर पर फैला दिया और दशकों तक सट्टेबाजी की दुनिया में उसका दबदबा रहा।
शुरुआत में मटका कपास के दामों पर सट्टा लगाकर खेला जाता था। उस दौरान, न्यूयॉर्क कॉटन एक्सचेंज में कपास के दाम खुलने और बंद होने को लेकर सट्टा लगता था। मटके में पर्चियां डालकर इस जुए को खेला जाता था इसलिए इसे ‘मटका जुआ’ कहा जाता है।
खत्री ने शुरुआती दिनों में कल्याण भगत के साथ काम किया लेकिन कुछ ही समय के बाद अपना ‘रतन मटका’ शुरू कर दिया।