सहारनपुर, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में रविवार को प्रवासी मजदूरों ने सहारनपुर-अम्बाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर अपने घर की वापसी को लेकर सडकों पर उतरकर हंगामा किया।
एक ओर सरकार जहां देशभर में लॉकडाउन के दौरान फंसे प्रवासी कामगारों को उनके गतंव्य तक सही सलामत पहुंचाने के लिए जी तोड़ कोशिश में लगी हुई है। वहीं लंबे से समय से अपने अपने घर जाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे मजदूरों का धैर्य भी जवाब देने लगा है।
रविवार सुबह सहारनपुर में अपने घरों के लिए रवाना होने के लिए पूरी तैयारी कर रखी बिहार के कामगारों को जब यह पता चला कि उनके लिए अब ट्रेन नहीं चलेगी तो बड़ी संख्या में बिहार खासकर कटिहार क्षेत्र के कामगार लाठी और डंडों से लैस होकर सड़कों पर उतर आए, बस उसके बाद तो गुस्साए सैंकड़ों कामगारों ने जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया। इन कामगारों को छोड़ने के लिए जिला प्रशासन ने 150 बसों को बुलाया है।
जिलाधिकारी अखिलेश सिह ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से हरियाणा और पंजाब से बड़ी संख्या में मजदूर नदी के रास्ते से सहारनपुर पहुच रहे है। यहा राधा स्वामी केन्द्र के होम शेल्टर में इनके भोजन की व्यवस्था की हुई है। इसके बावज़ूद प्रवासी मजदूर बिहार अपने घरो में जाने की बात को लेकर अड़े हुए है।
उन्होंने बताया पिछले दो दिनों से अभी तक दो ट्रेन सहारनपुर से बिहार भेजी जा चुकी है। अगली ट्रेन 19 मई को प्रस्तावित है। रविवार और साेमवार कोई ट्रेन बिहार के लिए नही होने से नाराज प्रवासी सडक पर उतर आये है। उन्होंने बताया कि रोडवेज व निजी बसों से इन सभी श्रमिकों को बिहार भेजा जा रहा है। मौके पर डीआइजी उपेंद्र कुमार, एसएसपी दिनेश कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। कामगारों को समझाने की कोशिश की।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर समेत कई अन्य क्षेत्रों से पांच दिन तक पैदल चलने के बाद सहारनपुर पहुंचे इन कामगारों को जब यह पता चला कि अब उनके लिए ट्रेन नहीं तो उनका सब्र टूट गया। स्टशेन की ओर बढ़ रहे इन कामगारों ने रास्तें में वाहनों में तोड़फोड़ करते हुए उनके शीशे तक तोड़ डाले। हंगामे की सूचना पर मौके पर पहुंचे जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने इन कामगारों को समझाने का प्रयास किया। सुबह सात बजे से ही यहां पर हंगामे के हालात थे।
कामगारों ने पुलिस प्रशासन पर भी असहयोग का आरोप लगाया। कई क्षेत्रों से आए बिहार के प्रवासी कामगार सहारनपुर में राधा स्वामी सत्संग भवन में कई दिनों से रुके हुए हैं। सभी के सब्र का बांध रविवार सुबह सात बजे टूट गया और सैकड़ों लोग हाथों में लाठी-डंडे लेकर सड़क पर आ गए और रेलवे स्टेशन की तरफ चल पड़े।