सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि वे अपने आप में एक संस्था हैं। इन सांसदों में से अधिकतर पहली बार चुन कर आयी हैं और वे प्रधानमंत्री से मिलकर बहुत खुश थीं। श्री मोदी ने उनमें से प्रत्येक की बात विस्तार से और धैर्यपूर्वक सुनी। प्रधानमंत्री इससे पहले भाजपा के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के सांसदों से भी मिल चुके हैं।
सूत्रों ने बताया कि इन बैठकों की योजना इस प्रकार से बनायी गयी थी कि दोनों सदनों के सभी सांसद प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से मिल कर उनसे मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें। सोलहवीं लोकसभा में भी श्री मोदी ने इसी प्रकार से सांसदों के साथ बैठकें आयोजित कीं थीं।