नई दिल्ली,चीन अब विज्ञान के क्षेत्र में कुछ ऐसा करने जा रहा है. जिसको जानकर आपको भी हैरानी होगी. पड़ोसी देश चीन अंतरिक्ष में कृत्रिम ”चांद” लॉन्च करने जा रहा है जिससे उम्मीद है कि यह देश के सबसे बड़े शहरों में से एक को रोशन करेगा. इस कृत्रिम ”चांद” की रोशनी असली ”चांद” से आठ गुना ज्यादा होगी, जिससे चेंगदू शहर में स्ट्रीट लाइट की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
चीन 2022 तक अपने तीन आर्टिफीशियल चांद लॉन्च करेगा. ये आर्टिफिशियल चांद शीशे के होंगे और सूर्य से रिफ्लेक्ट होकर वो रोशनी देगा. इन तीनों ऑर्बिट को 360 डिग्री की कक्षा में रखा जाएगा, जिससे 24 घंटे तक रोशनी देगा. तियांफू सिस्टम साइंस रिसर्च इंस्टिट्यूट के हेड वू चुनफेंग ने कहा- इनकी रोशनी इतनी होगी कि स्ट्रीट लाइट्स की जरूरत नहीं होगी. उसके बिना ही काफी रोशनी पड़ेगी.
WU मुताबिक ‘सूर्य की किरणें 3600 वर्ग किलोमीटर से 6400 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर कर सकती है और इसकी रोशनी चंद्रमा की रोशनी से 8 गुना अधिक होने की संभावना है.’ वू ने बताया कि इससे काफी फायदा होने वाला है. इस आर्टिफीशियल चांद से करीब 1.2 बिलियन यूआन की बिजली बचेगी. जिन जगह अंधेरा है और बिजली नहीं है वहां रोशनी पहुंचेगी.
यही नहीं अधिकारियों की मानें तो रोशनी की तीव्रता को एडजस्ट किया जा सकेगा और समय के मुताबिक कंट्रोल किया जा सकेगा. आर्टिफीशियल चांद एकदम चमकदार नहीं होगा. ये धुंधली सी रोशनी देगा. इस बात से लोगों को चिंता है. उनका मानना है कि इससे जानवरों पर बुरा असर पड़ेगा.
यह पहली बार नहीं है कि जब इंसान ने रोशनी देने वाले किसी ऑब्जेक्ट को आकाश में भेजा हो. ऐसी योजनाएं नाकाम साबित हुई हैं. सबसे आखिरी कोशिश रूस ने 2017 में की थी.14 जुलाई 2017 को रूस ने कजाकिस्तान के बैकोनुर स्पेसपोर्ट से अंतरिक्ष में सोयूज रॉकेट से एक ऑब्जेक्ट भेजा था। इस ऑब्जेक्ट को चांद के बाद सबसे चमकदार माना गया था।.एक महीने बाद ही प्रोजेक्ट से जुड़ी टीम ने बताया कि वह कक्षा में स्थापित होने में विफल रहा.अब देखना होगा कि चीन इसमें सफल हो पाता है या नहीं.