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गुमनाम नायकों की गाथाओं को सामने लाएगा मुक्त विश्वविद्यालय : कुलपति

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने ध्वजारोहण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय परिवार को संबोधित करते हुए कहा कि तिरंगा हमारी अस्मिता का प्रतीक है। आज भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। यह तभी सम्भव होगा जब हम अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे।

कुलपति ने कहा कि हम जहां पर हैं, जिस पद पर हैं, वहां पूरी ईमानदारी के साथ अपने कार्यों का निर्वह्न करें। उन्होंने आजादी के दीवानों को याद करते हुए कहा कि उन्हें यकीं था कि यह जमीं और आसमां हमारा होगा। उनके सपने साकार हुए और आज देश में चारों ओर उत्सव का माहौल है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम का वह दौर बहुत कठिन दौर था। देश को आजाद कराने में जाबांजों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। आज हम उन सब को नमन करते हैं। इस अवसर पर कुलपति ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत रत्न राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की योजना को साकार करते हुए मानविकी विद्या शाखा के तत्वावधान में वीरों का वंदन तथा मिट्टी एंथम कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर गुमनाम नायकों का नमन विषय पर गोष्ठी आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। उन्होंने बलिदानियों का उल्लेख करते हुए कहा कि गुमनाम नायक अब गुमनाम नहीं रह गए, बल्कि उनका नाम सामने आ गया है। इसलिए अब ऐसे नायकों की वीर गाथा को हमें जनमानस के सामने लाने के लिए कार्य करना है। जिसमें मुक्त विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभाएगा।

कार्यक्रम निदेशक प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी ने कुलपति का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन डॉ अतुल कुमार मिश्र ने तथा संचालन डॉ स्मिता अग्रवाल ने किया। गोष्ठी का संयोजन डॉ अनिल कुमार यादव तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया।

इस मौके पर प्रो. सत्यपाल तिवारी, प्रो. पी.पी. दुबे, प्रो. पीके स्टालिन, प्रो. एस कुमार, प्रो. पी.के. पांडेय, प्रो. विनोद कुमार गुप्ता आदि ने कई गुमनाम नायकों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। स्वतंत्रता दिवस पर उत्कृष्ट कार्य करने पर मीडिया प्रभारी डॉ. प्रभात चन्द्र मिश्र को भी कुलपति ने विशेष रूप से सम्मानित किया।