इस राज्य मे है दुनिया का एकमात्र स्थान, जहां मिलती हैं पांच नदियां

इटावा,  दुनिया में दो नदियों के संगम तो कई स्थानों पर होता है जबकि तीन नदियों के दुर्लभ संगम प्रयागराज को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण समझा जाता है। आश्चर्य की बात यह है कि पांच नदियों के इस संगम स्थल को त्रिवेणी जैसा धार्मिक महत्व नहीं मिल पाया है।

विश्व में इटावा का पंचनदा ही एक स्थल है, जहां पर पांच नदियों का संगम हैं। इस स्थल पर यमुना, चंबल, क्वारी, सिंधु और पहुज नदियां मिलती है। कभी चंबल के कुख्यात डाकुओं के लिए मशहूर इटावा में पांच नदियों के संगम स्थल पर 22 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा पर लक्खी मेला लगेगा। इस स्थल को प्रयागराज के त्रिवेणी संगम जैसा सम्मान अभी तक नहीं मिल पाया है।

पांच नदियों का यह संगम जिला मुख्यालय से 70 किमी दूर बिठौली गांव स्थित है। यहां कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हर वर्ष लगने वाले मेले में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के लाखों श्रद्धालुओं का जमघट लगता है। प्रयागराज का त्रिवेणी संगम पूर्णतः धार्मिक मान्यता पर आधारित है क्योंकि धर्मग्रन्थों में वहां पर गंगा, यमुना के अलावा अदृश्य सरस्वती नदी को भी स्वीकारा गया है।

यह माना जाता है कि कभी सतह पर बहने वाली सरस्वती नदी अब भूमिगत हो गई है। तीसरी काल्पनिक नदी को मान्यता देते हुये त्रिवेणी संगम का जितना धार्मिक महत्व है उतना साक्षात पांच नदियों के संगम को प्राप्त नहीं हैं।