इलाज का खर्च, हर साल देश मे इतने करोड़ लोगों को बना रहा गरीब..
July 9, 2019
नयी दिल्ली , इलाज पर होने वाले खर्च के कारण देश में हर साल कई करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे चले जाते हैं। रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख लाल मांडविया ने लोकसभा में कहा कि इलाज पर होने वाले खर्च के कारण देश में हर साल तीन करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे चले जाते हैं।
मांडविया ने सदन में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि देश में हर साल तीन करोड़ आठ लाख लोग दवाई और इलाज के खर्च के कारण गरीबी रेखा से नीचे चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि जनौषधि केंद्रों पर 714 दवाएँ और 53 शल्य चिकित्सा सामग्रियाँ सस्ते में मिल रही हैं। उनमें मिलने वाली जेनरिक दवाओं की कीमत ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक कम हैं। इससे मध्यमवर्गीय तथा गरीब परिवारों को सालाना दो हजार रुपये की बचत हो रही है।
उन्होंने कहा श्हमारी सरकार गरीबों को सस्ती दवाएँ उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। आज जनौषधि केंद्र मोदी जी की दुकान के नाम से मशहूर हो रहे हैं। यह सेवा भी हैए रोजगार भी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्टेंट की अधिकतम कीमत तय किये जाने से हृदय रोगियों को 4,547 करोड़ रुपये और घुटना बदलने की अधिकतम लागत तय करने से मरीजों को 1,500 करोड़ रुपये की बचत हुई है। मांडविया ने कहा कि अमेरिका में बिकने वाली हर पाँचवीं दवा और दुनिया में बिकने वाली हर छठी दवा भारत में बनी जेनरिक दवा है।
देश में भी इनकी लोकप्रियता बढ़ी है और दवा बाजार में इनकी हिस्सेदारी पाँच साल में दो प्रतिशत से बढ़कर आठ प्रतिशत पर पहुँच गयी।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आयी थी उस समय देश में कुल 72 जनौषधि केंद्र थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 5,410 पर पहुँच गयी है। इस दौरान इनकी बाजार हिस्सेदारी भी दो फीसदी से बढ़कर आठ फीसदी पर पहुँच गयी है।