भारतीय जनता पार्टी की जीत की इस सूनामी में भी श्रीमती गांधी ने पांच लाख 34 हजार 918 मत हासिल करके अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह को एक लाख 67 हजार 178 मतों से पराजित किया है। सिंह तीन लाख 67 हजार 740 वोट लाने में सफल रहे। इस सीट पर छह निर्दलीय समेत कुल 15 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। पिछले आम चुनाव में श्रीमती सोनिया गांधी इस सीट पर तीन लाख 52 हजार से अधिक मतों से निर्वाचित हुई थींं।
इस बार समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन ने यहां से अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था। श्रीमती गांधी इस सीट पर 2004 से लगातार आम चुनाव जीत रही हैं। कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर 1977 की जनता लहर में जनता पार्टी के टिकट पर राजनारायण ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पराजित किया था। श्रीमती इंदिरा गांधी ने इससे पहले देश में आपातकाल लागू किया थाए जिसके विरोध में समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में देश में जबर्दस्त आंदोलन हुआ था।
वर्ष 1996 से 1998 तक इस सीट पर भाजपा के अशोक सिंह का कब्जा था। अगले लोकसभा चुनाव ;1999 में इस सीट पर कांग्रेस के टिकट पर गांधी परिवार के करीबी सतीश शर्मा निर्वाचित हुए थे। वर्ष 1952 से 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा। इस दौरान बीएन कुरील, फिरोज गांधी, आर पी सिंह के अलावा 1967 के चुनाव में श्रीमती इंदिरा गांधी निर्वाचित हुई थीं। वह ;श्रीमती इंदिरा गांधी 1971 के चुनाव में भी विजयी हुई थीं। वर्ष 1980 से 1991 तक इस सीट पर कांग्रेस की शीला कौल का कब्जा था।