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लोकसभा चुनाव से पहले, योगी सरकार कर्मचारियों पर मेहरबान, कैबिनेट मे बड़ा फैसला

लखनऊ , लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार  सरकारी कर्मचारियों पर मेहरबान है।

अधिसूचना जारी होने से पहले योगी सरकार अपने सरकारी कर्मचारियों को ‘फील गुड’ कराने की कोशिश की है। राज्य मंत्रिमंडल की शुक्रवार देर शाम सम्पन्न हुयी बैठक में एलोपैथिक डाक्टरों के नान प्रैक्टिस भत्ते में बढोत्तरी की गयी है।

जबकि मध्यान्ह भोजन तैयार करने वाले रसोइयों,आशा कार्यकत्रियों और कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शिक्षकों के वेतन मानदेय में बढोत्तरी का प्रावधान किया गया है।

सरकारी प्रवक्ता ने  बताया कि बैठक में प्राथमिक शिक्षा विभाग के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है जिसमें मिड डे मील तैयार करने वाले रसोइयों का मानदेय एक हजार रूपये से बढाकर 1500 रूपये प्रति माह करना था। यह मानदेय ग्रीष्मकालीन अवकाश के दो महीनो के अलावा साल में दस महीनो तक मिलेगा।

इस फैसले का असर प्रदेश में कार्यरत चार लाख रसोइयों पर पड़ेगा जिनका मानदेय 2009 के बाद अब तक नहीं बढा था।उन्होने बताया कि इसी प्रकार आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में भी 750 रूपये प्रति महीने की वृद्धि की गयी है।

स्वास्थ्य योजनाओं जैसे मातृ स्वास्थ्य,नियमित टीकाकरण,परिवार नियोजन और बाल स्वास्थ्य के प्रति आमजन को जागरूक करने वाली आशा कार्यकत्रियों काे उनके काम के आधार पर प्रतिमाह मानदेय वृद्धि का फैसला लिया गया है।