मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को कहा कि इस मामले में कुछ बड़े मुद्दे उठे हैं और वह इस पर मंगलवार को आगे सुनवाई कर निर्णय देगी। न्यायालय ने कहा कि अगली सुनवाई तक इस मामले में यथास्थिति बनाये रखी जाय। बागी विधायकों की ओर से अदालत में उपस्थित हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस मामले में कानून स्पष्ट है और विधानसभा अध्यक्ष इस पूरे मामले में अदालत के प्रति जवाबदेह हैं।
विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार के वकील डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस्तीफा देने वाले 10 विधायकों का उद्देश्य कुछ और है और यह अयोग्य ठहराये जाने से बचने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की संवेदनशीलता तथा गंभीरता को देखते हुए अदालत को सावधानीपूर्वक उचित निर्णय देना चाहिए। मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी की ओर से अदालत में उपस्थित हुए राजनीतिक विचारक डॉण् राजीव धवन ने बागी विधायकों के उस बयान पर आपत्ति जतायीए जिसमें उन्हें विधानसभा अध्यक्ष पर बदनीयती से काम करने का आरोप लगया था।
उन्होंने कहा कि असाधारण स्थिति में अदालत को विधानसभा अध्यक्ष को आदेश देना पड़ा। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष कानून के अनुसार काम कर रहे हैं। डॉ. सिंघवी ने कहा कि सभी 10 विधायकों ने गुरुवार को अपना नया त्याग पत्र सौंपा है। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने बागी विधायकों को गुरुवार शाम छह बजे तक विधानसभा अध्यक्ष से मिलने और फिर से इस्तीफा नेता को कहा था। इसके बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस तथा जनता दल ;एसद्ध के 10 बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष केण् आरण् रमेश कुमार से मुलाकात कर फिर से अपना इस्तीफा सौंपा था।