सुप्रीम कोर्ट: जाने-माने वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना की सुनवाई टली

नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने जाने-माने वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ करीब 11 साल पुराने अदालत की अवमानना मामले की सुनवाई शुक्रवार को चार अगस्त तक के लिए टाल दी।

दोनों प्रतिवादियों -प्रशांत भूषण और तरुण तेजपाल- की ओर से पेश वकीलों ने न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति वी रमासुब्रमण्यम की खंडपीठ से आग्रह किया कि इस मामले की सुनवाई तब की जाये, जब अदालत कक्ष में पहले की भांति सुनवाई हो।

मामले में खुद को पक्षकार बनाने की मांग कर रहे पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण ने कहा कि मामले की सुनवाई अदालत कक्ष में सुनवाई फिर से शुरू होने के बाद की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “यह मामला करीब 11 साल पुराना है, इसलिए इस मामले की इस तरह जल्दबाजी में सुनवाई नहीं की जानी चाहिए।”

जूनियर भूषण की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा, “यह काफी पुराना मामला है, आखिरी बार इसमें 2012 में सुनवाई हुई थी, तब मैं और राम जेठमलानी, प्रशांत भूषण की तरफ से पेश हुए थे। वह (स्वर्गीय जेठमलानी) अब दुनिया में नहीं रहे।” उन्होंने कहा कि मामले में आखिरी बार सुनवाई हुए सात साल से ज़्यादा समय बीत चुका है। मामले में पुराने रिकाॅर्ड को फिर से देखना पड़ेगा इसलिए सुनवाई स्थगित कर दी जानी चाहिए।

दूसरे प्रतिवादी तरुण तेजपाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले में नौ-दस साल इंतजार किया गया है, तो थोड़ा और वक्त लग जाये तो बड़ी समस्या उत्पन्न नहीं हो जायेगी। उन्होंने कहा, “मुझे यह मामला कल ही मिला है, इसलिए मुझे केस की फाइल पढ़ने का ढंग से वक्त भी नहीं मिला।”

इसके बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए चार अगस्त की तारीख मुकर्रर की।

जूनियर भूषण 2009 में तहलका पत्रिका में दिये गये एक साक्षात्कार में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ टिप्पणी को लेकर अदालत की अवमानना का मुकदमा झेल रहे हैं।