राज्य सभा ने इसे मत विभाजन के जरिये पारित कर दिया जबकि लोकसभा ने इसे 24 जुलाई को मंजूरी दे दी थी। राज्य सभा ने विधेयक को आज 42 के मुकाबले 147 मतों से पारित किया।
इससे पहले विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक को व्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाला बताते हुए इसे विस्तृत समीक्षा के लिए प्रवर समिति के पास भेजने की मांग की लेकिन सदन ने इस आशय के प्रस्ताव को 85 के मुकाबले 104 मतों से ख़ारिज कर दिया।