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नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ के आरोपी डीआईजी पर हाईकोर्ट के तेवर कड़े

मुंबई, बंबई उच्च न्यायालय ने नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ के आरोपी महाराष्ट्र के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) निशिकांत मोरे को गिरफ्तारी से अग्रिम राहत देने से इनकार कर दिया।

पनवेल के सत्र न्यायालय से अग्रिम जमानत की याचिका खारिज होने के बाद मोरे ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय का रुख किया था। न्यायमूर्ति प्रकाश नायक ने मोरे को किसी तरह की राहत देने से इनकार करते हुए पुलिस को निर्देश दिया कि मंगलवार को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान वह लड़की के मोबाइल का वीडियो पंचनामा पेश करे।

सुनवाई के दौरान मोरे के वकील ने तर्क दिया कि आरोप आधारहीन है और दोनों परिवारों के बीच पैसों की लेनदेन का विवाद होने की वजह से शिकायत दर्ज कराई गई है। मोरे ने दावा किया कि लड़की जिसने सुसाइड नोट लिखा था, वास्तव में वह अपने ब्वायफ्रेंड के साथ भाग गई थी और पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था।

राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि उसने पहले ही मामले में संज्ञान लिया है और मोरे को निलंबित कर दिया है। नवी मुंबई पुलिस के मुताबिक 17 वर्षीय लड़की से पिछले साल जून में उसके जन्मदिन पर तलोजा स्थित आवास पर छेड़छाड़ की गई थी। हालांकि, मामला पिछले साल 26 दिसंबर को दर्ज किया गया था।