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देश में वेंटिलेटर की कमी को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक में उठे ये सवाल

नयी दिल्ली, देश की कुछ प्रमुख वेंटिलेटर उत्पादक कंपनियों ने कहा है कि कोरोना वायरस फैलने के खतरे के चलते विश्व स्तर पर मांग में आई वृद्धि के कारण उनके पास वेंटिलेटर का भंडार बहुत कम हो गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हाल ही में की गई समीक्षा बैठक में छह से सात बड़े राष्ट्र्रीय और अंतरराष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं ने यह बात कही।

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एक सूत्र ने कहा, “देश में वेंटिलेटर की उपलब्धता, स्थानीय उत्पादन क्षमता और आयात द्वारा आपूर्ति की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई गई थी। कंपनियों ने कहा कि अन्य देशों में कोरोना वायरस के मरीजों के वास्ते मांग में आई वृद्धि के कारण उन्होंने दूसरे देशों में वेंटिलेटर बेच दिए इसलिए इस समय इस मशीन का भंडार कम हो गया है। कुछ कंपनियों ने कहा कि बहुत कम वेंटिलेटर उपलब्ध हैं और उन्हें मशीन की आपूर्ति करने के लिए कुछ समय चाहिए।”

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कुछ भारतीय कंपनियों ने यह भी कहा कि भारत में वाणिज्यिक उड़ानों के प्रवेश पर प्रतिबंध के कारण वह उपकरण नहीं मिल पा रहे हैं जिन्हें जोड़कर वेंटिलेटर बनाया जाता है। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि 1200 नए वेंटिलेटर खरीदने का आदेश दे दिया गया है और मरीजों की संख्या के आधार पर आइसोलेशन बिस्तर और वेंटिलेटर देशभर के अस्पतालों में पहुंचाए जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार भारत में लगभग तीस हजार वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। देश में कोरोना वायरस के 400 से अधिक मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों और चिकित्सा शिक्षा संस्थानों से कहा है कि वे पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर और हाई फ्लो ऑक्सीजन मास्क खरीद कर रखें।

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