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कुंभ मेले में मिलेगी श्रद्धालुओं को ये खास सुविधा….

लखनऊ,यूपी की योगी सरकार कुंभ मेले में श्रद्धालुओं को हर खास तरह की सुविधा दे रही है. प्रयागराज में कुंभ मेले में पहली बार श्रद्धालु जलयान से संगम तक पहुंच कर आस्था की डुबकी लगायेंगे. इसके लिए केन्द्र सरकार की पहल पर भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली है. कुम्भ मेले के दौरान यमुना नदी के रास्ते कस्तूरबा जलयान के साथ ही बीस निजी आपरेटर मोटर बोट संचालित करेंगे. जो जीपीएस और रिवर इंफार्मेशन सिस्टम से लैस होंगे. जिसके जरिए श्रद्धालुओं को संगम स्नान कराने की मेला प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है.

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पहली बार प्रयागराज के कुम्भ मेले में श्रद्धालुओं को जलमार्ग से संगम तक लाने की कार्ययोजना तैयार की गई है. इसके लिए भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने यमुना नदी पर सुजावन घाट, नैनी ओल्ड ब्रिज, सरस्वती घाट और किला घाट पर चार फ्लोटिंग टर्मिनल बनाये गए हैं. भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के वाइस चेयरमैन प्रवीर पाण्डेय के मुताबिक कुम्भ मेले के दौरान कस्तूरबा जलयान का संचालन मेला प्रशासन की ओर किया जायेगा. एक जनवरी को यह जलयान मेला प्रशासन को सौंप दिया जायेगा. उनके मुताबिक कस्तूरबा अत्याधुनिक जलयान है जो कि जीपीएस और रिवर इन्फार्मेशन सिस्टम से पूरी तरह से लैस है.

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यह जलयान सुबह चार बजे से शाम आठ बजे तक चलेगा. उनके मुताबिक कुंभ मेले के बाद ये भी कस्तूरबा जलयान प्रयागराज में ही रहेगा. उन्होंने कहा है कि इसके साथ ही प्रयागराज से वाराणसी के बीच जलयान चलाने की भी कार्ययोजना पर भी तेजी से काम चल रहा है. हांलाकि कुंभ के दौरान वाराणसी और प्रयागराज के बीच छोटे बोट से भी श्रद्धालु संगम पहुंच सकेंगे.

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वहीं कुम्भ मेला प्रशासन भी पहली बार शुरु हो रहे जलमार्ग को लेकर तैयारियों को अंतिम रुप देने में जुटा है. अपर मेलाधिकारी कुम्भ दिलीप कुमार त्रिगुणायत के मुताबिक यमुना नदी में कस्तूरबा जलयान के साथ ही बीस निजी आपरेटर के जरिए बड़े मोटर बोट का संचालन भी किया जायेगा. मेला प्रशासन ने मोटर बोट और कस्तूरबा जलयान का किराया भी तय कर दिया है.

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न्यूनतम दो सौ और अधिकत 1200 रुपये किराया तय किया गया है. श्रद्धालुओं को टिकट ऑन लाइन और ऑफ लाइन दोनों तरह से मिलेगा. जिससे श्रद्धालु पहले से भी अपने टिकटों की बुकिंग करा सकेंगे. अपर मेलाधिकारी कुम्भ के मुताबिक पांच जनवरी से यमुना नदी में जलमार्ग का संचालन शुरु कर दिया जायेगा.