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लखनऊ में इतने स्थानो पर आज होगा, वैक्सीनेशन को लेकर ड्राई रन अभियान

लखनऊ ,  उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के छह स्थानो पर शनिवार को वैक्सीनेशन की तैयारियों के सिलसिले में ड्राई रन अभियान किया जायेगा जबकि पांच जनवरी से ड्राई रन अन्य जिलों में भी शुरू किया जायेगा।

सूबे के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां अब तक दो करोड़ 40 लाख से अधिक कोविड-19 के टेस्ट किये जा चुके हैं, जिनमें एक करोड़ से अधिक टेस्ट केवल आरटीपीसीआर के द्वारा किये गये है। प्रदेश में कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग कर संक्रमण को नियंत्रित किया जा रहा है। कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग की अनूठी पहल को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सराहा है।

उन्होंने बताया कि अभी तक यूके से आने वाले लोगों में अभी तक दो में कोविड-19 का दूसरा प्रकार पाया गया है और उनका इलाज चल रहा है तथा उनसे सम्पर्क में आने वाले लोगों की कान्ट्रैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। दो जनवरी को वैक्सीनेशन की तैयारियों के संबंध में लखनऊ के छह स्थानों पर ड्राई रन अभियान किया जायेगा।

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना सेे संक्रमित 871 नये मामले आये हैं। प्रदेश में 13,831 कोरोना के एक्टिव मामले में से 5924 लोग होम आइसोलेशन में हैं जबकि निजी चिकित्सालयों में 1,291 लोग ईलाज करा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 1263 लोग तथा अब तक कुल 5,64,541 लोग कोविड-19 से ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। प्रदेश में कोविड-19 का रिकवरी प्रतिशत 96.21 है।

श्री प्रसाद ने बताया कि दो जनवरी को वैक्सीनेशन की तैयारियों को लेकर लखनऊ के छह स्थानों सीएचसी माॅल, मलिहाबाद, सहारा हास्पिटल, केजीएमयू, आरएमएल तथा पीजीआई में ड्राई रन चलाया जायेगा। इसके बाद पूरे प्रदेश में 05 जनवरी से ड्राई रन अभियान चलाया जायेगा।

उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन की तैयारियां चल रही है, जिसके अन्तर्गत कोविड चेन का विस्तार, स्टोरेज की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही वैक्सीन रखने वाले स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जा रहे है। नौ दिसम्बर के बाद से यूके से आने वाले लोगों का कोविड-19 टेस्ट कराया जा रहा है। अब तक 2500 से अधिक सैम्पल लेकर टेस्ट किया जा चुका है। कोविड के नये संक्रमण से लोगों को डरने व घबराने की आवश्यकता नहीं है इससे बचाव के भी वही तरीके है जो अब तक अपनाये जा रहे है।