संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ‘‘एक मानव संकट है जो तेजी से मानवाधिकार संकट बनती जा रही है।’’
संरा प्रमुख ने वीडियो संदेश में कहा कि कोविड-19 संकट से निपटने में जन सेवाओं की आपूर्ति में भेदभाव किया जा रहा है और ‘‘कुछ संरचनात्मक असमानताएं हैं जो उन सेवाओं तक पहुंच में बाधा उत्पन्न करती हैं।’’
गुतारेस ने कहा कि वैश्विक महामारी के कुछ समुदायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े हैं, नफरत फैलाने वाले वक्तव्य बढ़ गए हैं, संवेदनशील समूहों पर हमले बढ़े हैं तथा सख्त सुरक्षा कार्रवाई के जोखिम से स्वास्थ्य प्रतिक्रिया कमतर हो रही हैं।
उन्होंने चेतावनी दी, ‘‘कुछ देशों में नस्ली राष्ट्रवाद, लोकलुभावनवाद, निरंकुशता और मानवाधिकारों से पीछे हटने के मामले बढ़ने से यह संकट महामारी से असंबद्ध उद्देश्यों के लिए दमनकारी उपाय अपनाने का बहाना प्रदान करता है।’’
गुतारेस ने फरवरी में देशों, कारोबारों और लोगों का आह्वान किया था कि दुनियाभर में मानवाधिकारों की रक्षा करने में मदद करें। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, संघर्ष और दमन को लेकर चिंताओं के बीच सात सूत्री योजना प्रस्तुत की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा मैंने तब कहा था, संकट के समय मानवाधिकारों को पीछे नहीं छोड़ा जा सकता। और हम इस समय सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय संकट का सामना कर रहे हैं जो कई पीढ़ियों में नहीं देखा गया।’’ एपी